Hindi, asked by satbhaiyashreya608, 10 months ago

Sortha udaharan sahit samjhaie

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Answered by alisalimali78666
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Explanation:

सोरठा एक मात्रिक छन्द है। यह एक अर्द्ध सम छन्द है। यह दोहे से ठीक उल्टा होता है क्योंकि इसके पहले तथा तीसरे चरणों में ग्यारह-ग्यारह मात्राएँ एवं दूसरे तथा चौथे चरणों में तेरह-तेरह मात्राएँ होती हैं। पहले तथा तीसरे चरणों के अन्त में तुकान्त तथा गुरु लघु होना अनिवार्य होता है।

उदाहरण -

सुनि केवट के बैन, प्रेम लपेटे अटपटे।

विहँसे करुनाऐन, चितै जानकी लखन तन॥

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