speech on anushasan in hindi (200-250) words
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माननीय अतिथि महोदय, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, समस्त अध्यापक गण एवं मेरे प्यारे सहपाठियों को नमस्कार। आज इस भाषण सम्मेलन में मैं आप सब के सामने अनुशासन पर भाषण प्रस्तुत करना चाहता हुँ।
अनुशासन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक अहम भूमिका निभाता है और यह सभी के जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। अनुशासन का अर्थ है नियमों का पालन या अनुसरण करना। अनुशासन ही है जो मनुष्य को पशुओं से भिन्न करता है और साथ ही मनुष्य को समाज में रहने योग्य बनाता है। अनुशासन सफलता की चाबी है। हमारी प्रकृति भी सभी कार्य अनुशासन में रहकर करती है जैसे सूर्य का समय पर उदय होना और समय पर ही अस्त होना। हमें भी प्रकृति से अनुशासन में रहने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
हर व्यक्ति अनुशासन अपने घर और स्कूल से सिखता है। कुछ बच्चों में अनुशासन जन्म से ही होता है और कुछ पर जबरदस्ती इसे थोपा जाता है। अनुशासन के अंतर्गत सबसे अच्छा व्यवहार करना, समय का पालन करना आदि आता है। अनुशासन का विकास व्यक्ति में दिन प्रतिदिन होता है और अनुशासन में रहने वाला व्यक्ति खुद को आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर महसूस करता है।
विद्यार्थी जीवन में तो अनुशासन का महत्व बहुत ही अत्यधिक है क्योंकि इस समय हमार् विकास हो रहा होता है और हम अनुशासन को अपने जीवन में अपना सकते हैं। हम कहीं भी जाए, कहीं भी रहे हमें वहाँ के नियमों का पालु करना होता है क्योंकि समाज में उन्हीं लोगों को सम्मान दिया जाता है जो अनुशासन प्रिय होते है। अनुशासन में रहने वाला व्यक्ति अपना हर कार्य अनुसरणी के अनुसार करता है और सुवयव्स्थित तरीके सो करता है।
आज के युग में हर क्षेत्र में उन लोगों को ही चुना जाता है जो अपना हर काम सही तरीके से समय पर और अनुशासन में रहकर पूर्ण करते है। जो लोग अनुशासन में रहते है सफलता उनके कदम चुमती है। जब हम लोग अनुशासन में रहकर एक व्यवस्थित तरीके से करते है तो हमारी सारी मुश्किले आसानी से हल हो जाती है जबकि अनुशासनहीन मनुष्य का जीवन पशु के समान है। मैं आपको अपने अनुभव से आश्वासन दे सकता हूँ कि यदि आप प्रतिदिन अनुशासन का अभ्यास करेंगे तो आपको अपने जीवन के लक्ष्य की प्राप्ती अवश्य होगी। अनुशासित व्यक्ति हमेशा योजनाबद्द रहता है और उसका जीवन एक स्वस्थ सुखी जीवन और दुसरों के लिए आदर्श जीवन होता है।
हम सबको भी अपना जीवन अनुशास प्रिय बनाना चाहिए और सफलता को प्राप्त करना चाहिए।
धन्यवाद।
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अनुशासन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक अहम भूमिका निभाता है और यह सभी के जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। अनुशासन का अर्थ है नियमों का पालन या अनुसरण करना। अनुशासन ही है जो मनुष्य को पशुओं से भिन्न करता है और साथ ही मनुष्य को समाज में रहने योग्य बनाता है। अनुशासन सफलता की चाबी है। हमारी प्रकृति भी सभी कार्य अनुशासन में रहकर करती है जैसे सूर्य का समय पर उदय होना और समय पर ही अस्त होना। हमें भी प्रकृति से अनुशासन में रहने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
हर व्यक्ति अनुशासन अपने घर और स्कूल से सिखता है। कुछ बच्चों में अनुशासन जन्म से ही होता है और कुछ पर जबरदस्ती इसे थोपा जाता है। अनुशासन के अंतर्गत सबसे अच्छा व्यवहार करना, समय का पालन करना आदि आता है। अनुशासन का विकास व्यक्ति में दिन प्रतिदिन होता है और अनुशासन में रहने वाला व्यक्ति खुद को आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर महसूस करता है।
विद्यार्थी जीवन में तो अनुशासन का महत्व बहुत ही अत्यधिक है क्योंकि इस समय हमार् विकास हो रहा होता है और हम अनुशासन को अपने जीवन में अपना सकते हैं। हम कहीं भी जाए, कहीं भी रहे हमें वहाँ के नियमों का पालु करना होता है क्योंकि समाज में उन्हीं लोगों को सम्मान दिया जाता है जो अनुशासन प्रिय होते है। अनुशासन में रहने वाला व्यक्ति अपना हर कार्य अनुसरणी के अनुसार करता है और सुवयव्स्थित तरीके सो करता है।
आज के युग में हर क्षेत्र में उन लोगों को ही चुना जाता है जो अपना हर काम सही तरीके से समय पर और अनुशासन में रहकर पूर्ण करते है। जो लोग अनुशासन में रहते है सफलता उनके कदम चुमती है। जब हम लोग अनुशासन में रहकर एक व्यवस्थित तरीके से करते है तो हमारी सारी मुश्किले आसानी से हल हो जाती है जबकि अनुशासनहीन मनुष्य का जीवन पशु के समान है। मैं आपको अपने अनुभव से आश्वासन दे सकता हूँ कि यदि आप प्रतिदिन अनुशासन का अभ्यास करेंगे तो आपको अपने जीवन के लक्ष्य की प्राप्ती अवश्य होगी। अनुशासित व्यक्ति हमेशा योजनाबद्द रहता है और उसका जीवन एक स्वस्थ सुखी जीवन और दुसरों के लिए आदर्श जीवन होता है।
हम सबको भी अपना जीवन अनुशास प्रिय बनाना चाहिए और सफलता को प्राप्त करना चाहिए।
धन्यवाद।☺️