Speech on Bhartiya Kisan in Hindi
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Bharatiya Kisan
किसान का जीवन • किसान की दशा • अवस्था सुधार के प्रयत्न • प्रयत्नों में ईमानदारी
भारत गाँवों का देश है। यहाँ लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। हमारे अति प्राचीन ग्रंथ वेदों में यत्र-तत्र कृषि का वर्णन किया गया है। अन्नोत्पादन करके लोगों का पोषण करने के रूप में यदि दृष्टिपात किया जाए तो भारतीय कृषक ईश्वर से कम नहीं है परंतु दूसरी तरफ उसकी दयनीय स्थिति का अवलोकन करके हर सहृदय की आत्मा काँप उठती है। कपड़ों के नाम पर शरीर पर केवल फटी लंगोटी एवं फटे-पुराने वस्त्र, भोजन के स्थान पर रूखी-सूखी रोटी एवं घर के स्थान पर वही सदियों पुरानी टूटी-फूटी झोंपड़ी जो हर ऋतु में उसके लिए असुविधाजनक है। इस पर भी । वह अथक परिश्रम में रत रहकर तथा खून-पसीना एक करके कभी भी अपने कर्तव्य से मुँह नहीं मोड़ता है तथा शीत, । धूप एवं वर्षा आदि सभी कुछ सहन करता हुआ निरंतर कार्य में संलग्न रहता है।
भारतीय किसान की अवस्था अत्यंत ही दयनीय है। कठिन परिश्रम करने के उपरांत भी उसे भरपेट भोजन और शरीर की रक्षा के लिए पर्याप्त वस्त्र नहीं मिल पाते । वह बराबर कर्जदार बना रहता है। भारतीय किसान के बारे में यह प्रसिद्ध है कि वह कर्ज में जन्म लेता है, कर्ज में ही संपूर्ण जीवन व्यतीत करता है और कर्ज में ही मर जाता है।
भारतीय किसान के सम्मुख कई समस्याएँ खड़ी रहती हैं जिनमें पानी की समस्या बड़ी भयंकर है। साधारणतया किसानों को जलवृष्टि पर ही निर्भर रहना पड़ता है जिसके अभाव में सारी फसल नष्ट हो जाती है। जिस वर्ष वर्षा ठीक समय पर नहीं होती, किसानों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। नहरें अपर्याप्त हैं।
कभी-कभी ये नहरें धोखा दे जाती हैं। सिंचाई के लिए अधिक से अधिक नहरों की आवश्यकता है। आजकल सरकार किसानों की पानी की इस समस्या को सुलझाने का भरसक प्रयत्न कर रही है।
सरकार की योजनाओं को सफल बनाने के लिए कृषि और कृषक दोनों की अवस्थाओं में सुधार करना परमावश्यक है। किसान को खेती के नवीनतम साधनों की जानकारी देनी चाहिए। नव वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग करके भारतीय किसान अधिक अन्न उपजाने में समर्थ होगा। सरकार भारतीय किसान की दशा को सुधारने का भरसक प्रयत्न कर रही है। किसान अपने खाली समय में अनेक कार्य, जैसे-टोकरी बुनना, रस्सी बनाना आदि भली प्रकार कर सकते हैं जिससे उनकी आर्थिक अवस्था में पर्याप्त सुधार हो सकता है। देश का भला किसानों के भले में ही निहित है।