Hindi, asked by rishilaugh, 1 year ago

Speech on guru purnima in hindi

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Answered by Chirpy
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       गुरु पूर्णिमा भारतीय और नेपाली लोगों का उत्सव है। इसे गुरु, आचार्य अथवा अध्यापक के लिया मनाते हैं। पारंपरिक रूप से इसे हिन्दू, जैन, बौध धर्म के लोग अपने गुरु के प्रति सम्मान देने व अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए यह उत्सव मनाते हैं। यह उत्सव आशाद के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

      गुरु शब्द में गु का अर्थ है अँधेरा या अज्ञान और रु का अर्थ है दूर करने वाला। अर्थात गुरु हमारे मन से अज्ञान का अंधेरा दूर करते हैं। गुरु हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमारा पथ प्रदर्शन करते हैं। प्राचीन काल में भी राजा अपने गुरु की आज्ञा से सब काम करते थे। गुरु वशिष्ट और गुरु संदीपनी भगवान राम और भगवान कृष्ण के गुरु थे।

      हमारे शास्त्रों में गुरु को भगवान से भी ऊँचा स्थान दिया गया है। कबीर दास जी ने एक दोहे में कहा है - गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागों पाए, बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताये। वे कहते हैं कि यदि गुरु और गोविन्द दोनों एक ही समय पर उनके सामने उपस्थित होंगे तो वे पहले गुरु के चरण स्पर्श करेंगे। क्योंकि गुरु ने ही उन्हें गोविन्द के दर्शन करवाये हैं।

इसलिए इस शुभ दिन पर सब अपने गुरु व शिक्षकों का सम्मान करते हैं और पूजा करते हैं।              




rishilaugh: thanks
Answered by DARKIMPERIAL
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Answer:

इस दिन ही भगवान शिव ने सप्तऋषियो को योग का ज्ञान दिया था और प्रथम गुरु बने थे। गुरू गोविन्द दोऊ खङे का के लागु पाँव, बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो बताय। अर्थात यदि भगवान और गुरु दोनों सामने खड़े हो तो मुझे गुरु के चरण पहले छूना चाहिये क्यूंकि उसने ही ईश्वर का बोध करवाया है।

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