Hindi, asked by yusufkhan81, 10 months ago

speech on mera bharat , mera abhiman in hindi​

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Answered by shishir303
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                  मेरा भारत, मेरा अभिमान

हर किसी को अपने देश पर अभिमान होता है। मेरा देश भारत है तो मुझे मेरे भारत पर अभिमान है। वह व्यक्ति ही क्या जिसमें अपने मातृभूमि के प्रति प्रेम ना हो। मेरे भारत की संस्कृति दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति है। मेरा भारत देश विविधताओं से भरा हुआ है। मेरे देश में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं हर राज्य की अलग अलग संस्कृति है। फिर भी इस अनेकता में भी एकता का भाव है। मेरा भारत अनेकता में एकता का अनोखा उदाहरण है। ऐसी भारत भूमि को नमन जिसमें बड़े-बड़े महापुरुष पैदा हुए हैं। जिन्होंने इस विश्व को अपने ज्ञान से समृद्ध किया।

यह भारत भूमि राम, कृष्ण, गौतम बुद्ध, महावीर जैन, महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, गुरुनानक, गुरुगोविंद सिंह, महात्मा गांधी, विवेकानंद, दयानंद, रविंद्र नाथ टैगोर, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सरदार पटेल, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, मदर टेरेसा की भूमि है। ऐसे महान व्यक्तियों को विभूषित करने वाली इस धरा को नमन। मेरा देश अत्यन्त शांतिप्रिय देश रहा है। एक समय मेरा देश विश्वगुरु था। कुछ विदेशी आक्रातांओं के कारण भले मेरी देश की विरासत को नुकसान पहुँचा हो, लेकिन मेरा देश अडिग, अटल और अटूट रहा है।

यह मेरा भारत मेरा अभिमान है। ‘राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी’ ने ठीक ही कहा है कि ‘जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं,  वो हृदय नही पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं’।

Answered by kanishkhandelwal
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Answer:

हर किसी को अपने देश पर अभिमान होता है। मेरा देश भारत है तो मुझे मेरे भारत पर अभिमान है। वह व्यक्ति ही क्या जिसमें अपने मातृभूमि के प्रति प्रेम ना हो। मेरे भारत की संस्कृति दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति है। मेरा भारत देश विविधताओं से भरा हुआ है। मेरे देश में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं हर राज्य की अलग अलग संस्कृति है। फिर भी इस अनेकता में भी एकता का भाव है। मेरा भारत अनेकता में एकता का अनोखा उदाहरण है। ऐसी भारत भूमि को नमन जिसमें बड़े-बड़े महापुरुष पैदा हुए हैं। जिन्होंने इस विश्व को अपने ज्ञान से समृद्ध किया।

यह भारत भूमि राम, कृष्ण, गौतम बुद्ध, महावीर जैन, महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, गुरुनानक, गुरुगोविंद सिंह, महात्मा गांधी, विवेकानंद, दयानंद, रविंद्र नाथ टैगोर, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सरदार पटेल, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, मदर टेरेसा की भूमि है। ऐसे महान व्यक्तियों को विभूषित करने वाली इस धरा को नमन। मेरा देश अत्यन्त शांतिप्रिय देश रहा है। एक समय मेरा देश विश्वगुरु था। कुछ विदेशी आक्रातांओं के कारण भले मेरी देश की विरासत को नुकसान पहुँचा हो, लेकिन मेरा देश अडिग, अटल और अटूट रहा है।

यह मेरा भारत मेरा अभिमान है। ‘राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी’ ने ठीक ही कहा है कि ‘जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं,  वो हृदय नही पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं’।

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