speech on peace in hindi
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मनुष्य को स्वभाव कर्म व गुणों के आधार पर शांत प्रकृति वाला प्राणी माना जाता है. यदपि प्रत्येक मनुष्य के ह्रदय के भीतरी भाग में कहीं न कहीं एक हिंसक प्राणी छिपा रहता है. परन्तु मनुष्य यह भरसक प्रयास करता है कि वह भीतर का हिंसक प्राणी किसी तरह भी जागे नही.
यदि किसी कारणवश वह जाग पड़ता है तो वह तरह तरह की संघर्षात्मक क्रिया प्रिक्रियाओं तथा प्रतिक्रियाओं का जन्म होने लगता है, तब उनके घर्षण तथा प्रत्याघर्षण से युद्धों की ज्वाला धधक उठती है. इस प्रकार के युद्ध यदि व्यक्ति या व्यक्तियों के मध्य होते है तो वे गुटीय या साम्प्रदायिक झगड़े कहलाते है परन्तु इस प्रकार के युद्ध दो देशों के मध्य हो जाते है तो वे कहलाते है युद्ध.
सामान्य जीवन जीने के लिए तथा स्वाभाविक गति से प्रगति एवं विकास करने के लिये शांति का बना रहना अत्यंत आवश्यक होता है. देश में संस्कृति एवं साहित्य तथा अन्य उपयोगी कलाएं तभी विकास पा सकती है जब चारो ओर शांत वातावरण हो. देश के व्यापार में उन्नति एवं आर्थिक विकास भी शांत वातावरण में ही संभव हो पाता है.
सहस्त्र वर्षों के अथक प्रयत्न साधन से ज्ञान विज्ञान साहित्य कला आदि का किया गया विकास युद्ध के एक ही झटके में मटियामेट हो जाता हैं.युद्ध के इस विकराल रूप को देखकर तथा इसके परिणामों से परिचित होने के कारण मनुष्य सदैव से इसका विरोध करता रहा है. युद्ध न होने देने के लिए मानव ने सदैव से प्रयत्न किये है. महाभारत का युद्ध होने से पहले श्रीकृष्ण भगवान स्वयं शांति दूत बनकर कौरव सभा में गये थे.
Answer:
In my view you should see in the Google there you will be able to see more different speeches.....and it is very difficult for us to write hindi and then send u .......
Explanation:
I hope you understand me ....
Thank you