English, asked by sanjaymahesh2699, 1 year ago

Speech on swasth bharat sunder bharat essay in hindi 700 words

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Answered by Tamatar
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स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हम सभी के लिये बहुत जरुरी है। अपने घर, पालतू जानवर, अपने आस-पास, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल आदि सहित स्वच्छता एक आदत है खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वच्छ रखने की। हमें हर समय अपने आपको शुद्ध, स्वच्छ और अच्छे से कपड़े पहन कर रहना चाहिये। ये समाज में अच्छे व्यक्तित्व और प्रभाव को बनाने में मदद करता है क्योंकि ये आपके अच्छे चरित्र को दिखाता है। धरती पर हमेशा के लिये जीवन को संभव बनाने के लिये अपने शरीर की सफाई के साथ पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों (भूमि, पानी, खाद्य पदार्थ आदि) को भी बनाए रखना चाहिये।


स्वच्छता हमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक हर तरीके से स्वस्थ बनाता है। सामान्यत:, हमने हमेशा अपने घर में ये ध्यान दिया है कि हमारी दादी और माँ पूजा से पहले स्वच्छता को लेकर बहुत सख्त होती है, ये कोई अलग बात नहीं है, वो बस साफ-सफाई को हमारी आदत बनाना चाहती है। लेकिन वो गलत तरीका अपनाती है क्योंकि वो स्वच्छता के उद्देश्य और फायदे को नहीं बताती है इसी वजह से हमें स्वच्छता का अनुसरण करने में समस्या आती है। हर अभिवावक को तार्किक रुप से स्वच्छता के उद्देश्य, फायदे और जरुरत आदि के बारे में अपने बच्चों से बात करनी चाहिये। उन्हे जरुर बताना चाहिये कि स्वच्छता हमारे जीवन में खाने और पानी की तरह पहली प्राथमिकता है।


अपने भविष्य को चमकदार और स्वस्थ बनाने के लिये हमें हमेशा खुद का और अपने आसपास के पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिये। हमे साबुन से नहाना, नाखुनों को काटना, साफ और इस्त्री किये हुए कपड़े आदि कार्य रोज करना चाहिये। घर को कैसे स्वच्छ और शुद्ध बनाए ये हमें अपने माता-पिता से सीखना चाहिये। हमें अपने आसपास के वातावरण को साफ रखना चाहिये ताकि किसी प्रकार की बीमारी न फैले। कुछ खाने से पहले और खाने के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिये। हमें पूरे दिन साफ और शुद्ध पानी पीना चाहिये, हमें बाहर के खाने से बचना चाहिये साथ ही ज्यादा मसालेदार और तैयार पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिये।

स्वच्छता एक क्रिया है जिससे हमारा शरीर, दिमाग, कपड़े, घर, आसपास और कार्यक्षेत्र साफ और शुद्ध रहते है। हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिये साफ-सफाई बेहद जरुरी है। अपने आसपास के क्षेत्रों और पर्यावरण की सफाई सामाजिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के लिये बहुत जरुरी है। हमें साफ-सफाई को अपनी आदत में लाना चाहिये और गंदगी को हमेशा के लिये हर जगह से हटा देना चाहिये क्योंकि गंदगी वह जड़ है जो कई बीमारियों को जन्म देती है। जो रोज नहीं नहाता, गंदे कपड़े पहनता हो, अपने घर या आसपास को वातावरण को गंदा रखता है तो वो हमेशा बीमार रहता है। गंदगी से आसपास के क्षेत्रों में कई तरह के कीटाणु, बैक्टेरिया वाइरस तथा फंगस आदि पैदा होते है जो बीमारियों को जन्म देते है।


जिन लोगों की गंदी आदतें होती है वो भी खतरनाक और जानलेवा बीमारियों को फैलाते है। संक्रमित रोग बड़े क्षेत्रों में फैलाते है और लोगों को बीमार करते है कई बार तो इससे मौत भी हो जाती है। इसलिये, हमें नियमित तौर पर अपने स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिये। हम जब भी कुछ खाने जाएँ तो अपने हाथों को साबुन से धो लें। हमें अपने शरीर और चेहरे को तीव्र नहाने से बचाना चाहिये। अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिये हमें बिल्कुल साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिये। स्वच्छता से हमारा आत्म-विश्वास बढ़ता है और दूसरों का भी हम पर भरोसा बनता है। ये एक अच्छी आदत है जो हमें हमेशा खुश रखेगी। ये हमें समाज में बहुत गौरान्वित महसूस कराएगी।


हमारे स्वस्थ जीवन शैली और जीवन के स्तर को बनाए रखने के लिये स्वच्छता बहुत जरुरी है। ये व्यक्ति को प्रसिद्ध बनाने में अहम रोल निभाती है। पूरे भारत में आमजन के बीच स्वच्छता को प्रचारित व प्रसारित करने के लिये भारत की सरकार द्वारा कई सारे कार्यक्रम और सामाजिक कानून बनाए गये और लागू किये गये है। हमें बचपन से स्वच्छता की आदत को अपनाना चाहिये और पूरे जीवन भर उनका पालन करना चाहिये। एक व्यक्ति अच्छी आदत के साथ अपने बुरे विचारों और इच्छाओं को खत्म कर सकता है।


घर या अपने आसपास में संक्रमण फैलने से बचाने और गंदगी के पूर्ण निपटान के लिये हमें ध्यान रखना चाहिये कि गंदगी को केवल कूड़ेदान में ही डाले। साफ-सफाई केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि ये घर, समाज, समुदाय, और देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है। हमें इसके महत्व और फायदो को समझना चाहिये। हमें भारत को स्वच्छ रखने की कसम खानी चाहिये कि न तो हम खुद से गंदगी करेंगे और किसी को करने देंगे।

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