STORIES ON FRIENDSHIP FOR CLASS 9
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अटूट मित्रता
अफ्रीका के एक गाँव में दो मित्र थे | एक का नाम कैपलो और दूसरे का मौनिस था | दोनों की मित्रता अटूट थी | दोनों गरीबी में पले थे |
कैपलो और मौनिस एक लुहार की दुकान में लोहा पीटने का काम करते थे | वे दोनों बहुत मेहनती थे |
एक दिन दोनों मित्र हाथों में हथौड़े लेकर लोहा पीट रहे थे | अचानक कैपलो का हथौड़ा मौनिस के हाथ पर जा लगा | मौनिस चोट से तिलमिला उठा | उसके मुँह से चीख निकल गई | कैपलो घबरा गया | उसने अपना वह हाथ भट्टी में डालकर झुलसा लिया जिसकी असावधानी से उसके मित्र को चोट लगी थी | कैपलो चीखा चिल्लाया नहीं | दर्द को पी गया |
मौनिस ने दुखी होकर कहा --- हाय कैपलो यह तुमने क्या किया ? अपना हाथ क्यों झुलसा लिया ? मेरे हाथ पर तुमने जान बूझकर तो हथौड़ा नहीं मारा था | अपने दर्द से नही बल्कि कैपलो के दर्द से मौनिस की आँखों में आँसू आ गये |
कैपलो ने मौनिस के आँसू पोंछते हए कहा --- तुमने मेरे हथौड़े की चोट सह ली तो क्या मैं भट्टी की आग नहीं सह सकता ?
मौनिस ने कैपलो के जले हाथ पर दवाई लगाते हुए कहा --- नहीं | नहीं | तुमने गलती की |
कैपलो ने मौनिस को बाँहों में भरते हुए कहा --- मित्र मौनिस ! मेरे पास इतना सोचने के लिए समय ही कहाँ था ?
एक दिन दुकान का मालिक चला गया | अब कैपलो और मौनिस ही उस दुकान और मकान के मालिक थे | कमाई बढ़ती गई परन्तु दोनों को संतोष न था |
एक दिन मौनिस ने पूछा --- आखिर तुम बनना क्या चाहते हो ?
कैपलो ने उत्तर दिया --- अपने देश का राजा | और तुम क्या चाहते हो ?
मौनिस बोला --- अपने देश का सबसे बड़ा व्यापारी |
कैपलो ने कहा --- क्यों नहीं। तुम सबसे बड़े व्यापारी बन सकते हो |
दोनों मित्र खिलखिला कर हँस पड़े |
एक दिन कैपलो चुपचाप शहर चला गया | वह लोगों को इकट्ठा करके अपने साथ मिलाने लगा | एक दिन लोगों ने उसे सचमुच राजगद्दी पर बिठा दिया |
उधर मौनिस भी पूरी लगन से व्यापार करता रहा | अब उसके जहाज विदेशो को माल ले जाते थे | वह सचमुच अपने देश का सबसे बड़ा व्यापारी बन गया था |
दो Friends एक दिन साथ रेगिस्तान घूमने निकले और यात्रा के दौरान चलते चलते निजी बात पे कहा सुनी हो गयी । एक दोस्त ने दूसरे को थप्पड़ मार दिया । थप्पड़ खानें वाले दोस्त को चोट लगी दुःख भी हुआ लेकिन कुछ बोले बिना वो नीचे बैठ गया और रेत पे लिख दिया आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा फिर वो दोनों आगे चलने लगे ।
आगे उन्होनें एक झील देखी और उसमे स्नान करने का फैसला किया । स्नान करते समय जिसने थप्पड़ खाया था वो दोस्त पानी में डूब ने लगा तो दूसरे दोस्त ने उसे खींच के बहार निकाल के बचा लिया । फिर वो जैसे उठा वो एक पत्थर पे लिखने लगा की आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरा जीवन बचाया तो जिसने अपने दोस्त को थप्पड़ मारा था और जान बचाई थी वो उससे पूछने लगा की जब मैंने तुम्हें थप्पड़ मारा तो तुमने रेत पे लिखा लेकिन जब मैंने तुम्हारी जान बचाई तो तुमने पत्थर पे लिखा ऐसा क्यों ?
दूसरे दोस्त ने जवाब दिया की जब कोई हमें दुःख पहुँचाता है तो उसे रेत पे लिखना चाहियें जिससे जब भी हवा चलेगी तो वो मिट जायेगा लेकिन जब कोई अच्छा काम करता है तो उसे पत्थर पे लिखना चाहिए जिससे उस अच्छाई को कोई हवा मिटा न सके ।