Story in hindi with moral and meaning
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एक चिड़िया थी वह बहुत उच उड़ती , इधर उधर चहचहाती रहती | कभी इस टहनी पर कभी उस टहनी पर फुदकती रहती |पर उस चिड़िया की एक आदत थी वह जो भी दिन में उसके साथ होता अच्छा या बुरा उतने पत्थर अपने पास पोटली में रख लेती और अकसर उन पत्थरो को पोटली से निकाल कर देखती अच्छे पत्थरो को देखकर बीते दिनों में हुई अच्छी बातो को याद करके खुश होती | और खराब पत्थरो को देखकर दुखी होती |ऐसा रोज़ करती | रोज़ पत्थर इकठा करने से उसकी पोटली दिन प्रतिदिन भारी होती जा रही थी | थोड़े दिन बाद उसे भरी पोटली के साथ उड़ने में दिक्कत होने लगी | पर उसे समझ नहीं आ रहा था की वह उठ क्यों नहीं पा रही |
कुछ समय और बीता, पोटली और भारी होती जा रही थी | अब तो उसका जमीन पर चलना भी मुश्किल हो रहा था | और एक दिन ऐसा आया की वह खाने पीने का इंतज़ाम भी नहीं कर पाती अपने लिए और अपने पत्थरो के बोझ तले मर गयी .
Moral Of the Story –
दोस्तों ऐसा ही हमारे साथ होता है जब हम पुरानी बातो की पोटली अपने साथ रखते है | अपने वर्तमान का आनंद लेने की जगह भूतकाल की बातो को ही सोचने में लगे रहते हैं | इस पल का आन्नद लीजिये |
Control your Anger Hindi story ( सारे रिश्ते टूट गए )
एक बार एक बहुत सुन्दर लड़की थी | वह इतनी सुन्दर थी जो भी उसे देखता , देखता ही रह जाता | पर उसे गुस्सा बहुत आता था | गुस्से में वह किसी से कुछ भी कह देती | घर के सबलोग उसकी इस आदत से बहुत परेशां थे | एक बार उसके पिता ने उसे सबक सिखाने की सोचा | उसके पिता ने उसे कुछ कील और हतोड़ा दिया और कहा एक महीने तक हम एक एक्टिविटी करेंगे जिसमे तुम्हे बस एक महीने तक गुस्सा कम करना है उसके बाद तुम चाहो जितना गुस्सा कर सकती हो | और जब भी तुम्हे गुस्सा आये और तुम किसी से बुरी तरह बोल दो तो एक कील दीवार में लगा देना | और कोशिश करनी है गुस्सा कम करने की , लड़की तैयार हो गयी | उसे जब भी गुस्सा आता और वह किसी को कुछ बोल देती तो एक कील दिवार में लगा देती | पहले दिन उसने दीवार में ३० कील लगा दी | पर धीरे धीरे दिवार में लगने वाली कील काम होने लगी | १५ ही दिन में उस लड़की ने सबसे बुरी तरह बोलना काम कर दिया | अब उसके पिता ने उससे कहा की अगर तुम एक बार भी गुस्सा का करना होने पर किसी से बुरी तरह न बोलो तो अपने द्वारा लगायी हुई कील में से एक कील निकाल देना | लड़की ने वैसे ही किया | १ महीने के अंत तक दीवार से सब कील निकल गयी | लड़की बहुत खुश हुई की वो इस गेम में जीत गयी | अर अपने पिता जी से कहने लगी
देखिये सब कील दीवार से निकल गयी |
उसके पिता ने कहा दीवार से कील तो निकल गयी पर क्या दीवार पहले जैसी सुन्दर दिख रही है | दीवार में जगह जगह निशान पढ़ गए हैं |
पिता ने अपनी बेटी को समझाया इसी तरह जब तुम किसी पर गुस्सा करती हो तो तुम्हारे रिश्तो में भी ख़राब निशान छूट ही जाते है | और एक दिन यही निशान रिस्तो को भी ख़राब कर देते हैं लड़की के बात समझ में आ गयी और उसने उस दिन से गुस्सा करना बहुत कम कर दिया .
Moral of the Story दोस्तों सब सभी का भी यही हाल होता है | हम जिस पर गुस्सा कर सकते है उससे बहुत उल्टा सीधा कह देते हैं और अपने रिश्तो को ख़राब कर देते हैं | गुस्सा करने की हम आदत बना लेते है और जिसे हम दवा सकते है उसी पर गुस्सा करते हैं | जैसे की ऑफिस में बॉस ने कुछ कह दिया हम उससे कुछ नहीं कह सकते तो घर आकर बच्चो को बिना किसी गलती के ही डांट देते हैं |
इसलिए अपनी इस ख़राब आदत को रिश्तो के ख़राब होने से पहले ही सुधार लीजिये |
Hindi Stories with moral 2 ( हिंदी कहानी )