Hindi, asked by hammadpathan400, 21 days ago

story' of of lion and mouse in hindi​

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Answered by confusedgenius1000
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Answer:

एक बड़े से जंगल में एक शेर अपनी गुफा में आराम कर रहा था। तभी पास से एक चूहा गुजरा और वह शेर को देखकर खुश हो गया। वह सोते हुए शेर के ऊपर चल गया और उछल कूद करने लग गया। चूहे को इसमें काफी मजा आने लग गया लेकिन थोड़ी देर में शेर की नींद खुल गई। शेर ने चूहे को अपने पंजे में दबा लिया और गुस्से से चूहे की तरफ देखने लगा। शेर अभी चूहे को मारने का विचार कर ही रहा था कि तभी चूहा गिड़गिड़ाने लगा।

चूहे ने कहा “महाराज मुझे माफ कर दीजिए, अज्ञानता वश आपके ऊपर चढ़कर खेल रहा था। मुझे नहीं पता था कि आपकी नींद खराब हो जाएगी। कृपया इस बार मुझे माफ कर दीजिए ऐसा कभी नहीं होगा।” यह सुनकर शेर को चूहे के ऊपर दया आ गई और उसमें चूहे को आजाद कर दिया। आजाद होते ही चूहे ने कहा “धन्यवाद महाराज आज आपने मुझे प्राणों का दान दिया है मैं आपका यह सब हमेशा याद रखूंगा और अगर कभी वक्त पड़ा और आपको मेरी सहायता की आवश्यकता हुई तो मैं आपकी मदद जरूर करूंगा।”

यह सुनकर शेर मन ही मन मुस्कुराने लग गया और सोचने लगा कि इतना छोटा सा प्राणी आखिर मेरी क्या सहायता कर सकता है? और उसमें चूहे को जाने दिया।

उसके कुछ समय बाद ही जंगल में शिकारियों ने जाल बिछाया हुआ था जिसमें शेर फंस चुका था। वह खुद को बचाने के लिए जोर से दहाड़े मार रहा था। शेर की दहाड़ सुनकर चूहा और शेर के पास आया। चूहे ने देखा कि शेर जाल में बुरी तरीके से फंसा हुआ है। उसमें अपने नुकीले दांतो से शेर का जाल काट दिया और शेर आजाद हो गया।

Answered by sukhwinderm9
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एक बार एक शेर अपनी गुफा में सो रहा था। तभी एक चूहा कही से आकर शेर के ऊपर कूदने लगा। जिससे शेर की नींद टूट गयी। शेर को चूहे पर इतनी ज़ोर से गुस्सा आया कि उसने उसे अपने पंजो में पकड़ लिया और उसे मारने का सोचने लगा। चूहा बहुत डर गया। उसने काँपते हुए शेर से कहा – “हे शेर राजा! मुझे माफ़ कर दिजिये, मुझसे बहुत भारी भूल हो गई। अगर आप मुझे जाने देंगें तो आप का बहुत उपकार होगा और आपके इस उपकार को मैं वक्त आने पर चूका दूँगा।” यह सुनकर शेर को चूहे पर दया आ गई और उसने उसे जाने दिया। पर वह मन ही मन हँसा कि भला यह छोटा सा चूहा मेरा उपकार क्या चुकाएगा।

समय बीतता गया और एक दिन हमेशा की तरह शेर शिकार की तलाश में जंगल में घूम रहा था कि एक शिकारी ने उसे चलाकी से अपने जाल में पकड़ लिया। शेर अपनी सहायता के लिए जोर-जोर से दहाड़ मारने लगा। शेर की आवाज़ सुनकर चूहा वहाँ आया। शेर को जाल में फँसा देखकर उसने तुरंत अपने नुकीले दाँतो से शिकारी का जाल काट दिया और शेर को आजाद कर दिया। शेर ने चूहे का बहुत धन्यवाद किया। उस दिन शेर समझ आया कि किसी भी प्राणी की काबलीयत उसके भारी रूप से नहीं लगानी चाहिए और कभी छोटे-बड़े का भेदभाव नहीं करना चाहिए। हमेशा सबकी मदद करनी चाहिए क्योकि जो दूसरों की मदद करता है, उसकी भी सब मदद करते है।

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