Hindi, asked by tamrkarneha6, 1 day ago

story of the clever crow and the hungry fox in hindi​

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Answered by afnanpathan31
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Fox and Crow Story: एक दिन, जब लोमड़ी बाहर निकल रही थी, लोमड़ी ने एक कौआ देखा। कौआ नीचे कूदा और अपनी चोंच में रोटी का एक टुकड़ा उठा के ले गया। कौआ, फिर अपने पंख फड़फड़ाए और पास के पेड़ की शाखा पर जा के बैठ गया। लोमड़ी ने डपट कर कहा, “उम्म! यह रोटी का एक स्वादिष्ट दिखने वाला टुकड़ा है! मेरे पास रोटी का वह टुकड़ा होना चाहिए! मैं एक धूर्त लोमड़ी हूँ और मैं इसके लायक हूँ, ”लोमड़ी ने खुद में सोचा।

Fox and Crow Story in Hindi

fox and crow

चतुर लोमड़ी ने जल्दी से उसके दिमाग में एक योजना बनाई। लोमड़ी पेड़ के नीचे बैठ कर अपनी योजना पर अमल करने लगी। लोमड़ी बोलना चाहती थी कि कौआ बोलते है। स्वाभाविक रूप से, कौवा को सिखाया गया था कि वह कभी भी अपने मुंह से बात न करे। जब वह पेड़ के नीचे बैठने के लिए आता है, तो वह लोमड़ी का अभिवादन नहीं करता है।

Answered by nirvitsolankisjs0260
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Answer:

एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी. वो बहुत ही भूखी थी. वह अपनी भूख मिटने के लिए भोजन की खोज में इधर– उधर घूमने लगी. उसने सारा जंगल छान मारा, जब उसे सारे जंगल में भटकने के बाद भी कुछ न मिला, तो वह गर्मी और भूख से परेशान होकर एक पेड़ के नीचे बैठ गई. अचानक उसकी नजर ऊपर गई. पेड़ पर एक कौआ बैठा हुआ था. उसके मुंह में रोटी का एक टुकड़ा था.

चालाक लोमड़ी और मूर्ख कौआ, The Fox And The Crow

कौवे के मुंह में रोटी देखकर उस भूखी लोमड़ी के मुंह में पानी भर आया. वह कौवे से रोटी छीनने का उपाय सोचने लगी. उसे अचानक एक उपाय सूझा और तभी उसने कौवे को कहा, ”कौआ भैया! तुम बहुत ही सुन्दर हो. मैंने तुम्हारी बहुत प्रशंसा सुनी है, सुना है तुम गीत बहुत अच्छे गाते हो. तुम्हारी सुरीली मधुर आवाज़ के सभी दीवाने हैं. क्या मुझे गीत नहीं सुनाओगे ?

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चालाक लोमड़ी और मूर्ख कौआ, The Fox And The Crow

कौआ अपनी प्रशंसा को सुनकर बहुत खुश हुआ. वह लोमड़ी की मीठी मीठी बातों में आ गया और बिना सोचे-समझे उसने गाना गाने के लिए मुंह खोल दिया. उसने जैसे ही अपना मुंह खोला, रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गया. भूखी लोमड़ी ने झट से वह टुकड़ा उठाया और वहां से भाग गई.

यह देख कौआ अपनी मूर्खता पर पछताने लगा. लेकिन अब पछताने से क्या होना था, चतुर लोमड़ी ने मूर्ख कौवे की मूर्खता का लाभ उठाया और अपना फायदा किया.

सीख: यह कहानी सन्देश देती है कि अपनी झूठी प्रशंसा से हमें बचना चाहिए. कई बार हमें कई ऐसे लोग मिलते हैं, जो अपना काम निकालने के लिए हमारी झूठी तारीफ़ करते हैं और अपना काम निकालते हैं. काम निकल जाने के बाद फिर हमें पूछते भी नहीं.

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