story on 'bita hua samay kabhi wapas nahi aata' in hindi. not essay
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एक बार हाथ से फिसला हुया समय फिर कभी वापस नहीं लौटता है। गलती से मुंह से निकली बात को मनुष्य वापस ठीक नहीं कर सकता, शरीर से निकली आत्मा वापस शरीर में दाखिल नहीं हो पाती है। गुजरा हुया बचपन और किशोरावस्था कभी वापस नहीं आता। जो गुजरा हुआ वक़्त है, उसे हम चाहे जो कुछ कर ले, वापस नहीं ला सकते है
Explanation:
ज़िन्दगी की सबसे कीमती चीज़ “समय” है। समय का चक्र निरंतर चलता रहता है। समय किसी के लिए कभी रुकता नहीं है। समय रेत जैसा होता है। एक बार हाथ से फिसल जाए तो फिर वापस उसे अपनी मुट्ठी में नहीं रख सकते है। उदाहरणस्वरूप अगर कोई व्यक्ति वक़्त पर इंटरव्यू ना दे पाए, तो वह बेहतरीन मौक़ा किसी और का हो जाता है। समय की एहमियत बड़े- बड़ो से नहीं छुपी है।
केवट ने भी श्रीराम के चरण छूने का अवसर नहीं गवाया। भगवतगीता कथा में श्रीराम नदी किनारे पहुँचते है तो केवट अहिल्या का उदाहरण देकर भगवान् श्री राम के चरण धोने की बात करता है।
श्रीराम उनके मन की बात को भांप लेते है की केवट उनके चरण छूना चाहता है। श्रीराम अपने चरणों को आगे बढ़ा देते है। केवट उनके चरणों का आशीर्वाद लेकर प्रसन्न हो जाता है। इससे यह साबित होता है, हर इंसान को केवट की तरह समय का सदुपयोग करना चाहिए। गया हुआ वक़्त वापस नहीं आता है।