Hindi, asked by shavetag12, 9 months ago

Story on varsha ki ghata parvat ki chata

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Answered by shishir303
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                                              (Story on)  

                            वर्षा की घटा–पर्वत की छटा  

मुंबई का उमस भरा वातावरण बहुत परेशान कर रहा था। मई का महीना था, अंतिम सप्ताह था। बारिश आने में अभी देर थी। ऑफिस के कार्य से कुछ राहत मिली तो सोचा कि क्यों न किसी पहाड़ी क्षेत्र में कुछ दिन बितायें जाए ताकि मुंबई इस गर्मी से कुछ राहत मिले और मन तरो-ताजा हो। इरादा किया और शिमला में कुछ दिन बिताने का निश्चय किया। संयोग से शिमला के लिए टिकट भी तुरंत उपलब्ध हो गया और सारी तैयारी कर शिमला की तरफ कर रुख कर लिया।  

शिमला पहुंचकर एक अच्छे से होटल में कमरा बुक किया और थोड़ी देर आराम किया। शिमला का वातावरण मुंबई के वातावरण से बिल्कुल भिन्न था। वहां पर हल्की सी ठंडक थी और मौसम बिल्कुल सुहावना था। कहाँ मुंबई की वह उमस भरी गर्मी और कहां शिमला का ठंडा सुहावना मौसम। मन एकदम प्रसन्न हो गया।  

हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है और यहां पर जब तक समय बारिश होती रहती है। जब शिमला पहुंचा था तो उस दिन भी हल्की सी बारिश बूंदाबांदी हो रही थी। इससे वातावरण और सुहावना हो गया था।  

होटल में थोड़ी देर आराम करने के बाद बाहर निकल कर देखा तो सामने विशाल पर्वत मुंह उठाए खड़े थे। उनके ऊपर विशाल काली घटाएं रह-रहकर उमड़ रही थीं। यह दृश्य बड़ा ही लुभावना प्रतीत हो रहा था। अचानक फिर से बूंदा-बांदी शुरू हो गयी और फिर से जोरदार बारिश होने लगी। यह दृश्य इतना मनमोहक था कि इसे अपने कैमरे में कैद करने का मन किया और कैमरा उठाकर वीडियो शूट करना आरंभ कर दिया।  

पर्वतों के चारों तरफ विशाल काली घटाएं और हल्की हल्की बूंदाबांदी मन को मोह लेने वाली थी। धीरे-धीरे इस मनमोहक दृश्य का आनंद लेते हुए आगे बढ़ने लगा। वास्तव में शिमला को पर्वतों की रानी यूं ही नहीं कहते। यह दृश्य वास्तव में मनमोहक दृश्य बन गया कि उसका वर्णन नही किया जा सकता है। चारों तरफ काली-काली घटाएं और उन काली घटाओं के बीच विशाल और ऊँचे पर्वतों की छटायें। विशालकाय पर्वत ऐसे लग रहे थे कि बहुत सारे देवता पंक्तिबद्ध खड़े हों और उन पर गिरती वर्षा की बूंदे ऐसी लग रही थीं कि जैसे आसमान से मोतियों की बारिश उन पर्वत रूपी देवताओं के सम्मान के लिये हो रही हो।  

ऐसे दृश्य शिमला में नित्य प्रति देखने को मिलते हैं और शिमला के 7 दिन के प्रवास के दौरान लगभग रोज ऐसा दृश्य देखने को मिला। शिमला में 7 दिन कैसे बीत गए पता ही नहीं चला। कुछ और दिन ठहरने का मन था लेकिन काम की मजबूरियां वापस मुंबई खींच लाईं।  

लेकिन शिमला का लुभावना दृश्य मन में आज तक अंकित है...चारों तरफ वर्षा की घटा और उनके बीच पर्वत की छटा।  

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Answered by adityapratap13075
0

Answer:

hii

Explanation:

kaishe ho?

pachana?

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