Hindi, asked by Anonymous, 9 months ago

Story Writting Raja and Bander ki...

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Answered by Anonymous
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Answer:

नादान दोस्त

किसी राजा का एक बंदर नौकर था । वह राजा का भक्त था और राजा उस पर इतना अधिक विश्वास करता था कि उसके अंत:पुर मैं जाने पर भी कोई रोक-टोक नहीं थी ।

एक बार राजा सोया हुआ था और बंदर पंखा चल रहा था । राजा की छाती पर एक मक्खी आ गए थे बंदर पंखे से उसे वहां से उड़ा था और वह बार-बार आकर वहीं बैठ जाती थी । अब अब वह मूर्ख बंदर मक्खी से तंग आ चुका था । उसे बहुत क्रोध आया । उसने एक पहनी तलवार उठा कर उस मक्खी के ऊपर हमला करना शुरू कर दिया । इस झटके से पहले ही बाकी तो उड़ गई पर राजा की छाती फट गई और वह तत्काल मर गया । अतः जो राजा चाहता है कि उसकी उम्र लंबी हो उसे नादान नौकर नहीं रखना चाहिए ।

Answered by parveen571
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Answer:

किसी राज्य में राजा के पास उसका पालतू एक बंदर था, जो राजा की बहुत सेवा किया करता था। यही कारण था कि वह राजा के कक्ष में बिना किसी रोक-टोक के आता जाता और महल में भी इधर उधर कूदता रहता।

एक दिन जब राजा अपने शयनकक्ष में सो रहे थे, तब वह बंदर उन्हें पंखे से हवा कर रहा था। बंदर राजा के प्रति अत्यधिक वफादार था, इसलिए वह राजा को पंखे से हवा करते हुए मन ही मन अत्यंत प्रसन्न भी हो रहा था।

परंतु उसका ध्यान वहां पर भंग करने के लिए कहीं से एक मक्खी आ गई और वह मक्खी भिनभिनाते हुए राजा के शरीर पर बैठ गई। जैसे ही बंदर ने मक्खी को राजा के शरीर पर बैठकर भिनभिनाते हुए देखा, तो उसने उसे वहां से भगाने का प्रयास किया। पर मक्खी अपने स्वभाव के कारण बार-बार वहीं आती और बैठ जाती और फिर से बंदर उसे बार-बार भगाता।

बंदर द्वारा मक्खी को वहां से भगाने के अनेक प्रयास करने के पश्चात भी जब मक्खी वहां से नहीं गई, तो बंदर के सब्र का बांध टूट गया और वह अत्यंत ही क्रोधित हो गया। अब वह मक्खी को भगाने की बजाए, उसे मारने के लिए उतारू हो गया। वह अपने आसपास कोई ऐसी वस्तु खोजने लगा, जिससे मक्खी को मारा जा सके परंतु वह ऐसी वस्तु ढूंढने में असफल रहा, जिससे वह मक्खी को मार पाता।

अंत में उसे राजा के बगल में रखी राजा की तलवार दिखी और उसने राजा की तलवार मक्खी को मारने के लिए उठाई। इस समय मक्खी राजा की छाती पर बैठी थी और उसने बिना सोचे समझे मक्खी पर सीधा प्रहार कर दिया। मक्खी तो समय रहते राजा की छाती से उड़ गई परंतु बंदर की तलवार राजा की छाती पर लगी, जिसके कारण राजा की वहीं मृत्यु भी हो गई।

शिक्षा- मूर्खों का साथ सदैव दुखदाई ही होता है।

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