Stri Purush Samanta ke bare mein Apne vichar likhiye in Hindi
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i don't want to be a good job of it and I
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स्त्री और पुरुष एक ही गाड़ी के दो ऐसे पहिये है, जिसमे से यदि एक पहिया थोड़ा भी डगमगाया तो उसका असर दूसरे पहिये पर दिख जाता है। स्त्री पुरुष एक दूसरे के पूरक है। एक के बिना दूसरे का काम नहीं चलता।
पर यही समानता में अगर स्त्री जरा भी आगे बढ़ी की पुरुष जाती को ये तनिक भी नहीं भाता। कहने को तो स्त्री पुरुष एक दूसरे के पूरक है, परंतु समानता केवल पुरुष को तब तक ही अच्छी लगती है, जब तक कि स्त्री उसके साथ चले पर उससे आगे ना रहे।
Explanation:
समानता का अर्थ होता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी प्रगति, अपने विकास और व्यक्तित्व के विकास के लिए एक अवसर प्राप्त हो। तथा प्रत्येक व्यक्ति के साथ समान व्यवहार किया जाए, इसमे कोई वर्ग विशेष का अधिकार नहीं आता। उसी आधार पर एक स्त्री ओर पुरुष को भी समानता की श्रेणी में ही लाया जाता है। परंतु हमारे देश की सभ्यता और संस्क्रति में स्त्री पुरुष समानता पर विशेष रूप से हमारा समाज अपनी भागीदारी का प्रदर्शन देता है। जिस के कारण हमारे समाज की एक सोच बन गयी गई है कि स्त्री हमेशा कमजोर और पुरुष वर्ग हमेशा ताकतवर होता है। और ये मतभेद सदियों से चला आ रहा है