Hindi, asked by vipin1347, 10 months ago

styakam vidyalankar Wikipedia in hindi​

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Answered by sarwani2025
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जयचन्द विद्यालंकार (५ दिसंबर, १८९८ - ) भारत के महान इतिहासकार एवं लेखक थे। वे स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती, गौरीशंकर हीराचन्द ओझा और काशीप्रसाद जायसवाल के शिष्य थे। उन्होने ‘भारतीय इतिहास परिषद’ नामक संस्था खड़ी की थी। उनका उद्देश्य भारतीय दृष्टि से समस्त अध्ययन को आयोजित करना और भारत की सभी भाषाओं में ऊंचे साहित्य का विकास करना था। जयचन्द विद्यालंकार ही भगत सिंह के राजनीतिक गुरु थे।उनकी शिक्षा गुरुकुल कांगड़ी, हरिद्वार में हुई। 'विद्यालंकार' की उपाधि प्राप्त करने के बाद वे कुछ समय तक गुरुकुल कांगड़ी में, गुजरात विद्यापीठ में तथा कौमी महाविद्यालय, लाहौर में अध्यापक रहे। इतिहास में शोध के प्रति आरम्भ से ही उनकी रूचि थी। १९३७ में उन्होने भारतीय इतिहास परिषद की स्थापना की जिसमें डॉ राजेन्द्र प्रसाद का भी सहयोग था। जयचन्द विदेशियों द्वारा लिखे गये भारतीय इतिहास की एकांगी दृष्टि को परिमार्जित करने के लिए कटिबद्ध थे। इसके लिए व्यापक शोध के आधार पर उन्होने प्राचीन भारत के इतिहास पर विशेष रूप से ग्रन्थों की रचना की। उनके ग्रन्थों में उनके ज्ञान, मौलिक विचारधारा एवं आलोचनात्मक दृष्टि के दर्शन होते हैं। उन्हें हिन्दी के तत्कालीन मंगलाप्रसाद पारितोषिक से सम्मानित किया गया था।

उन्होने भारत छोड़ो आन्दोलन में भी सक्रिय रूप से भाग लिया और तीन वर्ष तक जेल में बन्द रहे।

जयचन्द्र विद्यालंकार भारत में इतिहास की ऐसी प्रतिभा माने जाते हैं कि लोगों ने इतिहास की उनकी मूल धारणाओं तक पहुँचने के लिये विधिवत हिन्दी का अध्ययन किया। उन्हें अपनी धारणाएं हिन्दी में ही सामने रखने की जिद थी।

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