Hindi, asked by jaypaharimata, 10 months ago

Subject: Hindi
lesson name : मेरी डायरी के पन्ने

6. लेखक ने ड्यूटी के दौरान और कौन-कौन से परोपकार के काम किए ?
संतोष था ?

Answers

Answered by sidwarrior123
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श्रेणी में नहीं आता। ये बातें गीता इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित संस्कारशाला गोष्ठी में प्रधानाचार्य संजय श्रीवास्तव ने कही। कहा कि असहायों, गरीबों, दीन-दुखियों, पीडि़तों, जरुरतमंदों की निश्वार्थ भाव से सेवा व सहयोग करना परोपकार है। स्कूली बच्चों को इससे सीख लेकर अपने जीवन में उतारना चाहिए। दूसरों के उदास चेहरों पर

श्रेणी में नहीं आता। ये बातें गीता इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित संस्कारशाला गोष्ठी में प्रधानाचार्य संजय श्रीवास्तव ने कही। कहा कि असहायों, गरीबों, दीन-दुखियों, पीडि़तों, जरुरतमंदों की निश्वार्थ भाव से सेवा व सहयोग करना परोपकार है। स्कूली बच्चों को इससे सीख लेकर अपने जीवन में उतारना चाहिए। दूसरों के उदास चेहरों पर

श्रेणी में नहीं आता। ये बातें गीता इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित संस्कारशाला गोष्ठी में प्रधानाचार्य संजय श्रीवास्तव ने कही। कहा कि असहायों, गरीबों, दीन-दुखियों, पीडि़तों, जरुरतमंदों की निश्वार्थ भाव से सेवा व सहयोग करना परोपकार है। स्कूली बच्चों को इससे सीख लेकर अपने जीवन में उतारना चाहिए। दूसरों के उदास चेहरों पर कार्य है। उदास चेहरों पर खुशी लाना सबसे बड़ा धर्म है। किए गए उपकार के बदले अपेक्षा का भाव रखना उपकार

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