Subject: Hindi Sec Work Sheet - झम झम झम झम मेघ बरसते हैं सावन के, छम-छम छम जिरती बूंदे तरुओं से हम के। त्रम-त्रम बिजली चमक रही रे उर में धन के, थम-थम दिन के तम मे सपने जगते मनं के। निम्न प्रश्नों के उत्तर एक - एक वाक्य मे दीजिए। 1. सावन के मेघ कैसे बरसते हैं? 2 तरुओं से क्या गिरती। 3. बिजली कहाँ चमक रही है? 4. सपने कन जगते हैं? 5. इस कविता के कवि कौन है ?
Answers
Answered by
1
Explanation:
- प्रस्तुत कविता में कवि ने सावन के बरसते बादल का मनोरम चित्र खींचा है। कविता के अन्त में कवि ने जन-जन के जीवन में सावन का उल्लास भरने की कामना की है। छनकर पृथ्वी पर छम-छम की आवाज करके गिरती हैं। बादल से चमचम करके बार-बार बिजली चमकती है।
- छम-छम-छम गिरती बूंदें तरुओं से छन के। चम-चम बिजली चमक रही रे उर में धन के. थम-थम दिन के तम में सपने जगते मन के।
- Don't know
- Don't know
- Poyem ka name to like deta yar
Hop it will help you
Plz make it as brainliest
Thanku
Attachments:
Similar questions