Sudama charit explination please
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This is Sudama Charit Explanation.
जब सुदामा जी कृष्ण जी से मिलने गए तब द्वारपाल कृष्ण जी के पास गए और उन्होंने कृष्ण जी को बताया कि " प्रभु , द्वार पर एक गरीब ब्राह्मण आया है न तो उसके सर पर पगड़ी है और न ही उसके पैरों में चप्पल है , उसकी धोती फटी हुई है और शरीर पर कुर्ता भी नही है... l हे प्रभु , वो गरीब ब्राह्मण दीनदयाल ( श्री कृष्ण) का धाम पूछ रहा है और अपना नाम सुदामा बता रहा है | श्री कृष्ण ने जैसे ही सुदामा नाम सुना वो दौड़े-दौड़े अपना सारा राजकाज छोड़ द्वार की तरफ दौड़े | उनके राजसभा में बैठे सारे लोग आश्चर्यचकित हो गए की ऐसा कौन आया है जिसके लिए श्री कृष्ण दौड़े दौड़े गए |श्री कृष्ण ने सुदामा जी का बहुत धूमधाम से आदर सम्मान से उनका स्वागत किया | उसके बाद श्री कृष्ण ने पानी का परात मंगवाया सुदामा जी के पैर धोने के लिए | उन्होंने सुदामा जी के पैर देखे तो उन्हें देख श्री कृष्ण की आंखों में आंसू आ गए क्योंकि सुदमा जी के पैरो में काटे ही काटे थे और खून निकल रहा था उनकी आंखो से इतने आंसू आए की उन्होंने अपने आंसू से ही सुदामा जी के पैर धो दिए |