Hindi, asked by manishverma2775, 1 year ago

Sui aur dhaga se raheem kya samjhana chahate hai

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Answered by Anonymous
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रहीम जी का हिंदी साहित्य (Hindi Sahitya) जगत में योगदान अतुल्य है। समाज को आईना दिखाने वाली बातें, वे अपने दोहों में कह जाते थे। मानव जाति को रहीम के दोहों से सही एवं गलत में फर्क करने की सीख मिलती है। उन्होंने सदैव सरल भाषा का प्रयोग किया जिससे उनकी वाणी और लोकप्रिय हुई।

अर्थ: रहीम कहते हैं कि प्रेम का नाता नाज़ुक होता है. इसे झटका देकर तोड़ना उचित नही होता| यदि यह प्रेम का धागा एक बार टूट जाता है, तो फिर इसे मिलाना कठिन होता है और यदि मिल भी जाए तो टूटे हुए धागों के बीच में गाँठ पड़ जाती है|

अर्थ: मनुष्य को सोच समझकर व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि किसी कारणवश यदि बात बिगड़ जाती है तो फिर उसे बनाना कठिन होता है, जैसे यदि एक बार दूध फट गया तो लाख कोशिश करने पर भी उसे मथ कर मक्खन नही निकाला जा सकेगा|

अर्थ: रहीम कहते हैं कि बड़ी वस्तु को देखकर छोटी वस्तु को फेंक नहीं देना चाहिए‐ जहाँ छोटी सी सुई काम आती है, वहां तलवार बेचारी क्या कर सकती है?

अर्थ: रहीम कहते हैं कि जो अच्छे स्वभाव के मनुष्य होते हैं, उनको बुरी संगति भी बिगाड़ नही पाती‐ जहरीले सांप चन्दन के वृक्ष से लिपटे रहने पर भी उस पर कोई जहरीला प्रभाव नहीं डाल पाते|


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