Sujan Sagar ke rachaita Kaun
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सुजान सागर, कवि घनानन्द की एक कृति है।
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सुजान सागर के रचियता कवि घनानन्द हैं |
जन्म 1689 ईस्वीं
निधन 1739 ईस्वीं
Additional Information:
- घनानन्द रीतिमुक्त काव्यधारा के अग्रणी कवि हैं |
- घनानन्द मुहम्मदशाह रँगीले के दरबार में प्राइवेट सेक्रेटरी थे | प्रतिभासंपन्न होने के करण बादशाह का इन पर विशेष अनुग्रह था |
- भगवान कृष्ण के प्रति अनुरक्त होकर उन्होंने वृंदावन में निम्बारक संप्रदाय में दीक्षा ली |
- वे अपने जीवन के अंतिम समय तक राधा-कृष्ण के गीत आदि लिखते रहे |
More Question:
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर लिखिए I
(क) 'पर्वत प्रदेश में पावस' कविता में झरने पर्वत का गौरव - गान कैसे करते हैं ?
(ख) निम्न पद्यांश का आशय प्रकट करें I
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खासकर गौरैयें
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