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Jeevan ka adhikar poem by Sumitranandan Panth
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‘जीवन का अधिकार’ कविता का सारांश...
‘जीवन का अधिकार’ कविता ‘सुमित्रानंदन पंत’ द्वारा रचित एक कविता है, जिसमें सुमित्रानंदन पंत जी ने इस बात को इंगित किया है कि जो इस संसार में सामर्थ्यवान है, ताकतवर है, उसी की इस संसार में चलती है। दुर्बल यानि कमजोर व्यक्ति का सदैव शोषण किया जाता रहा है, यही इस संसार का नियम है।
कवि कहते हैं कि इस संसार में जो ताकतवर है, जिसके हाथ में शक्ति है, उसको ही संसार में सब लोग पूजते हैं। जो कमजोर है, उसे लोग धरती पर बोझ के समान समझते हैं और उसे कमजोर समझ कर उसका शोषण करने से नहीं चूकते। यह संसार के लोगों की प्रवृत्ति है कि लोग कमजोर को ही दबाना चाहते हैं, उसका ही शोषण करते हैं। ताकतवर द्वारा शोषण का माध्यम सदैव कमजोर ही बनता है। सामर्थ्यवान लोग अधिक से अधिक विकास करते जाते हैं और इस धरती पर राज करते हैं। कमजोर हमेशा नीचे गिरता जाता है, यही इस संसार का नियम है।