Summary matrabhumi explanation long anwser pls
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प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मातृभूमि बहुत ही प्यारी होती है क्योंकि उस भूमि पर उसका जन्म हुआ होता है। माँ की गोद की तरह ही वह उस भूमि पर खेलकर बढ़ा होता है और उसी मिट्टी से ऊपजे अन्न को खाकर उसका विकास होता है। मातृभूमि हमारे लिए हमारी माँ के समान ही होती है जिसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य होता है। अपनी जन्मभूमि के लिए प्यार और वहाँ कि मिट्टी की खुशबू प्रत्येक व्यक्ति के दिल में बसी हुई होती है।
मातृभूमि वह है जिससे हम सब की पहचान है और तभी इसकी रक्षा के लिए बहुत से लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। मातृभूमि के साहित्य और संस्कृति पर ही हमारे संस्कार निर्भर करते हैं। मातृभूमि स्वर्ग के समान है और इसकी तुलना किसी अन्य स्थान से नहीं की जा सकती है। यह हमारी माँ की तरह ही अनेकों प्राकृतिक आपदाओं को झेलते हुए भी हमें सुरक्षित रखती है। हमें भी हमारी मातृभूमि की रक्षा करनी चाहिए और इसकी शान में वृद्धि करनी चाहिए।
हमें कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे हमारी मातृभूमि की मर्यादा को ठेस पहुँचे बल्कि हमें ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे इसके मान सम्मान में वृद्धि हो। यदि कोई व्यक्ति अरनी मातृभूमि से प्रेम नहीं करता है तो इसका अर्थ है कि उसमें मानवीय संवेदनाएँ नहीं हैं। मातृभूमि से हमारा एक गहरा रिश्ता होता है जिसमें केवल प्रेम और प्रेम ही होता है। मातृभूमि भी हमें कभी अनाज के रूप में, कभी पानी के रूप में तो कभा किसी रूप में अपना प्यार प्रदान करती है। हमें चाहिए कि यदि हमारी मातृभूमि पर कभी कोई संकट आए तो हम पीछे न हटे बल्कि उसका डटकर सामना करे और जन्मभूमि की शान को बनाए रखे। हम सबको अपनी मातृभूमि प्राणों से भी प्यारी है और प्रत्येक व्यक्ति अपने प्राण अपनी मातृभूमि में ही त्यागना चाहता है