Summary of aa rahi ravi ki savari
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The poem Aa Rahi Ravi ki Savari is a beautiful poem penned by the late legendary Harivansh Rai Bachchan. The poem gives children a vivid description of how the night turns to dawn. As morning sets in, the majestic sun comes out to the sky riding on its chariot. At the same time, the moon and stars rush to hide behind the clouds to appear only again at night.
The stanzas are written rhythmically to catch the attention of children when they read the poem.
Answer:
यहाँ पर कवि ने सूर्य के आगमन का मनोहारी वर्णन किया है। जब सूर्योदय होता है तब ऐसा प्रतीत होता है जैसे सूर्य अपने नव किरणों के रथ पर सवार होकर चला आ रहा है। कली और पुष्पों से पूरा रास्ता सजाया गया है।
Explanation: यहाँ पर कवि ने सूर्य के आगमन का मनोहारी वर्णन किया है। जब सूर्योदय होता है तब ऐसा प्रतीत होता है जैसे सूर्य अपने नव किरणों के रथ पर सवार होकर चला आ रहा है। कली और पुष्पों से पूरा रास्ता सजाया गया है।