Hindi, asked by jaber4824, 1 year ago

Summary of any 2 story,of Premchand


shriyamlaa: the second story is ईदगाह और एक और स्टोरी है जिसका नाम है पुश की रात

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Answered by shriyamlaa
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दो बैलों की कथा इस कहानी में प्रेमचंद दो बैलों की कथा को बताते हैं कि किस प्रकार दो बैल संघर्षपूर्ण जीवन को अपनाते हैं उन्होंने इन दो बैलों की तुलना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों से भी की है जैसे हमारे स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों के सामने डटकर उनका सामना करते हैं उसी प्रकार यह तो पहले भी मुश्किलों का सामना करते हुए संघर्ष करती हैं कहानी कब से शुरू होती है जब दो बैल हीरा और मोती एक किसान के घर रहते हैं उनका मालिक बहुत ही अच्छा इंसान होता है वह उन्हें समय पर चारा देता है और उनका बहुत ही ज्यादा ख्याल रखता है हीरा और मोती बहुत अच्छे मित्र होते हैं और अपने मालिक का बहुत ख्याल करते हैं एक बार जब किसान का साला गया अपने जीजा जी के घर पर आता है तो वहीं दो बैलों को अपने साथ ले जाने के लिए कहता है किसान अपने दिल पर पत्थर रखकर उन दोनों हीरा और मोती को अपने साले गया के पास भेज देते हैं हीरा और मोती बहुत परेशान हो जाते हैं गया उनको अपने घर ले जाता है और झोपड़ी में डाल देता है वह उन से बहुत ज्यादा मेहनत का काम कराता है और उन्हें समय से चारा भी नहीं देता हीरा और मोती को अपने किसान के घर की याद आने लगती है रात के समय हल चलाने के बाद वह दोनों अपनी थकान एक दूसरे को चाटकर मिटाते हैं गया की बेटी जिसकी मां मर चुकी होती है बहुत ही दयालु किसम की लड़की होती है वह रोज अपनी दो रोटियों में से एक रोटी आधी-आधी दोनों को दे देती है एक रोटी से उन दोनों का पेट तो नहीं भरता पर दिल जरूर भर जाता है एक दिन गया एक कसाई से बात करता है और और हीरा और मोती को उस कसाई के हाथों सौंप देता है वह कसाई हीरा और मोती को एक कांजीहौस में ले जाता है जहां पर हीरा और मोती जैसे अनेक जानवर बंदे होते हैं जैसे की गाय भैंस बकरी आदि हीरा और मोती स्वतंत्र रहना चाहते होते हैं रात के समय जब कांजीहौस में केवल जानवर होते हैं तब हीरा चुपके से दीवार को तोड़ देता है और वहां से सभी जानवर भागने लगते हैं तभी मोती तो भागने लगता है पर हीरा के पैर की रस्सी नहीं टूट पाती हीरा बहुत कोशिश करता है अपनी रस्सी तोड़ने की पर वह रस्सी नहीं टूटती हीरा की रस्सी बंधी होने के कारण मोती भी वहां से नहीं भागता हीरा के बहुत समझाने के बावजूद मोती वहां से नहीं भागता जब सुबह को कसाई कांजीहौस में आता है और सभी जानवरों को वहां से भागा हुआ पाता है तो वहां हीरा और मोती को बहुत मारता है पर तब भी उन लोगों का हौसला नहीं टूटता और दुबारा बहुत संघर्ष करते हैं और कसाई को धक्का मार के दोनों भाग जाते हैं और वहां से अपने किसान के पास पहुंच जाते हैं किसान अपने दो बैलों को देखकर बहुत ही ज्यादा प्रसन्न हो जाता है और उन्हें दोबारा से अपने साथ रखने लगता है हीरा और मोती बहुत ही ज्यादा खुश हैं प्रेमचंद्र ने इस कविता के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों की स्थिति को दर्शाया है
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