Hindi, asked by arjitgautam2609, 1 year ago

summary of baaj aur saap in hindi

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Answered by Sushmita611
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बाज और साँप' पाठ मनुष्य को प्रेरणा देता है कि उसको जीवन में स्वतंत्रता और संघर्ष के मूल्य को समझना चाहिए। जो मनुष्य जीवन में अपनी स्वतंत्रता के प्रति जागरूक रहता है और संघर्ष करने से डरता नहीं है, वह आगे चलकर समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन जाता है। लेखक निर्मल वर्मा इस कहानी में बाज और साँप के माध्यम से अपनी बात को स्पष्ट करते हैं। बाज साहसी और निडरता से जीवन व्यतीत कर रहे वीर का बोध करता है, तो साँप गुलामी में लिपटे मूर्ख का। साँप नदी के किनारे एक अंधेरी और गंध से युक्त गुफा में अपने जीवन को बड़ा सुखी मानता है। एक दिन घायल बाज उसके जीवन में हलचल पैदा कर देता है। बाज को अपनी स्वतंत्रता भरी उड़ान से प्यार है। वह अपने अंतिम क्षणों में भी आखिरी प्रयास कर आकाश की ऊँचाइयों को छूना चाहता है। साँप पहले तो बाज को मूर्ख समझता है। उसका मन-ही-मन मज़ाक उड़ाता है। बाज द्वारा आकाश में उड़ने के लिए आखिरी प्रयास करना और अपने प्राणों का बलिदान देना, साँप को अंदर तक हिलाकर रख देता है। साँप उसके संघर्ष से प्रेरित होकर एक बार प्रयास करता है। बाज के संघर्ष ने साँप को एक नई दिशा प्रदान की है। साँप एक पल के लिए ही सही परन्तु अपने सड़े-गले जीवन से निकलने का प्रयास अवश्य करता है। लहरें बाज के इसी बलिदान पर उसके लिए विजयगान गाती है। क्योंकि उसके प्रयास से औरों को नई दिशा प्राप्त हुई है।
Answered by jayathakur3939
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बाज़ और साँप के पाठ का सारांश : -

 साँप समुद्र किनारे पत्थरों में बनी अँधेरी गुफ़ा में रहता है। उसे इस बात की ख़ुशी है कि उसे न किसी से कुछ लेना है, न ही किसी को कुछ देना है। उसे उस स्थान पर कोई हानि नहीं पहुँचा सकता। एक दिन एक घायल बाज उसकी गुफा में आ गिरता है। बाज साँप को बताता है कि उसका अंतिम पल आ गया है, पर उसने अपने जीवन के हर पल का आंनद उठाया है।  

 बाज साँप को कहता है कि आकाश में उड़ना आनन्ददायक होता है। बाज को साँप की गुफा की दुर्गन्ध अच्छी नहीं लगती। वह एक अंतिम बार उड़ान भरना चाहता है। साँप अपने को बचाने के प्रयास से तथा अंतिम इच्छा पूरी करने के लिये बाज को उड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है, किन्तु उड़ने के प्रयास में बाज नदी में गिर जाता है और बहता हुआ समुद्र में गायब हो जाता है।  साँप हैरान होता है की आकाश में उड़ने का मजा क्या होता है जिसके लिये बाज ने अपने प्राण त्याग दिए।

साँप के मन में भी उड़ने की इच्छा जागती है। वह उड़ने के लिये अपने शरीर को हवा में उछालता है, तो ज़मीन पर गिर जाता है, किन्तु बच जाता है । वह सोचता है आकाश में कुछ नहीं है, सुख तो ज़मीन में है। इसलिये वह फिर उड़ने का प्रयास नहीं करेगा।  साँप ने कुछ समय बाद सुना जैसे लहरें बाज को श्रद्धांजलि दे रहीं थी, जिसने वीरता से अपने प्राणों की बाजी लगा दी। लेखक कहते हैं वास्तव में जीवन उन्हीं का है जो उसे दाव पर लगा कर चलते हैं। जो मौत को सामने देख कर भी अपना रास्ता नहीं बदलते।  

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