Hindi, asked by jhanvi08, 11 months ago

Summary of bhikharin by jaishankar prasad

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Answered by bhatiamona
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भिखारिन कहानी  का सारांश

भिखारिन कहानी रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखी गई है|  

कहानी में कवि ने एक भिखारिन के बड़े हृदय के बारे में बताया की कैसे वह गरीब हो कर भी एक बड़ा दिन रखती है और एक सेठ अमीर होने के बाद भी किसी की मदद नहीं कर सकता|

यह कहानी एक भिखारिन की है जो अंधी है | वह रोज़ मंदिर के द्वार के पास खड़ी हो जाती और बहार निकलते हुए श्रदालुओं के सामने हाथ फैला देती | मंदिर में उसे हो भी मिलता वह लेकर घर आ जाती| कुछ लोग उसे अनाज भी देते थे , सुबह से शाम तक वह ऐसे ही करती थी|  

एक अपनी झोंपड़ी के पास पहुंचती है और एक 10 वर्ष का बच्चे उसके साथ आ कर लिप्त जाता है | उस बच्चे का कोई परिचय नहीं था | वह 5 वर्ष से अकेला ही रह रहा है |  

अंधी उस बच्चे को बहुत प्यार से रखती और उसे खिलाती और अच्छे कपड़े पहनाती| अंधी ने अपनी जमा पूँजी सेठ जी के पास रख दी और कहा जब जरूरत होगी तब ले लुंगी |

एक दिन वह बच्चे बहुत बीमार हुआ और वह सेठ के पास पहुंची और पैसे  मांगने लगी और सेठ ने पैसे देने से इनकार कर दिया और बोला मेरे पास कोई पैसे नहीं दिए है | अंधी भिखारिन बहुत दुखी हुई | वह रात भर सेठ के घर  के बहार ही बैठी रही | सेठ ने देखा यह तो मेरा ही पुत्र है जो कई साल पहले खो गया था | वह  अपने पुत्र ओ ले जाता है और कहता इसका इलाज मैं करवाऊंगा | सेठ का पुत्र ठीक हो जाता है| पुत्र उस अंधी भिखारन को याद करता है और उसी की वजहसे ठीक होता है|

सेठ अंधी को वह धन की पोटली देता है तब वह अंधी बोलती है यह मैंने पुत्र के लिए जमा की थी आप उसे देना , ऐसा कह क वह चली जाती है |  

संदेश :

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हम बड़े लोग पैसों से नहीं बनते है दिल से बनते है और अपने कर्मो से बनते है| किसी को भी छोटा नहीं समझना चाहिए |

Answered by ksrathhamirpur
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Bhatiamona आपने बहुत ही सुंदर उत्तर दिया ।

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