Summary of bholaram ka jeev
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भोलाराम का जीव कहानी हरिशंकर परसाई जी की एक व्यंग प्रधान रचना है| परसाई जी ने इस कहानी में एक माध्यम वर्गीय परिवार के सामान्य व्यक्ति भोलाराम के कठनाईया जीवन के दर्षाई है| भ्रष्टाचार रूपी दानव किस प्रकार समाज व देश के प्रत्येक अंग की खोखला करता जा रहा है तथा एक साधारण व्यक्ति अपने जीते-जीत इस ऊचक में फस कर शोषित हो जाता है, की मरने के बाद भी उसकी आत्मा मुक्त नहीं हो पाती| हरिशंकर परसाई जी ने पूरी कुशलता के साथ व्यंगय करते हुए यह भी बताया है की इस भ्रष्टाचार रूपी समस्या की प्रभाव मात्र पृथ्वी सिमित नहीं है, अपितु इसका प्रभाव स्वर्ग में भी दिखा है| परसाई जी की लेखन कला विशेषकर व्यंग्यय शैली अत्यंत प्रभवी है, बड़ी से बड़ी समस्या की भी विशेष करते है|
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