Hindi, asked by vivekraj2122, 1 year ago

Summary of chalna hamara kaam hai

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Answered by komalchauhan1
150
hey dear...!!

कवि कहते हैं कि मनुष्य चुनौतियों का सामना करने के लिए पैदा हुआ है . जीवन में जब तक कर्म करने के लिए मार्ग खुला हुआ है तब तक हार मान कर रुकना नहीं चाहिए .कवि कहता है कि जब तक हमें जीवन में सफलता न मिल जाए , तब तक कर्म करना छोड़ना नहीं चाहिए .जब तक हम अपने गंतव्य तक नहीं पहुँचते है तब तक आराम करने की जरुरत नहीं है . अतः चलना हमारा काम है इसीलिए हमें सदा कर्म में लगा रहना चाहिए .कवि कहते हैं कर्म करते हुए कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो हमें घबराना नहीं चाहिए . जीवन में कर्मपथ पर चलते रहना चाहिए . हमें अपने दुःख - सुख को भूलकर मन को हल्का कर लेना चाहिए . हम सब जीवन पथ के पथिक है . कवि कहते हैं कि मनुष्य को अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए .इसी तरह हमें रास्ते में अनेक साथी मिलते हैं परन्तु सभी का साथ लेकर अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहिए
-- कवि का मानना है कि मनुष्य जीवन में कुछ भी पूर्ण नहीं है . मनुष्य कभी पाता है तो कभी कुछ खोता है . अतः कभी वह तो प्रसन्नता से झूम उठता है और असफलता मिलने पर निराश होकर आँसू बहाने लगता है . जीवन में सब दिन एक सामान नहीं रहते हैं . कभी सुख मिलता तो कभी दुःख .अतः कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि न कभी उसकी गति रुके न कभी उसके विचारों में कोई बाधा हो . कवि का कहना है कि सभी के जीवन में सुख दुःख सामान गति से आते रहते है . सुख और दुःख सभी के जीवन के अनिवार्य अंग है .एक हम ही नहीं है जो अकेले हमारे जीवन में सिर्फ दुःख नहीं है . कवि जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है . जीवन पथ की कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करते हुए हमें आगे बढ़ने रहना चाहिए . अतः कवि के अनुसार जीवन में कर्म पथ आगे बढ़ते हुए अगर कठिनाइयों का सामना करना पड़े तो डट कर मुकाबला करना चाहिए
-कवि कहता है कि मनुष्य जीवन में कुछ पूर्ण नहीं होता है . हर आदमी में गुण और अवगुण दोनों का समावेश होता है .हर व्यक्ति में कुछ न कुछ दोष जरुर होते हैं . कवि कहते है कि वह सम्पूर्ण मानव बनना चाहते हैं .इस पूर्णता को पाने के लिए आदमी में कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है . कवि के अनुसार , हमें समस्याओं से घबराना नहीं चाहिए . सुख के साथ दुःख ही जीवन का नाम है . हमें अपने लक्ष्य या मंजिल को पाने के लिए निरंतर चलना चाह्हिये .मार्ग में कुछ ऐसे साथी मिले जिन्होंने सदा साथ दिया . कुछ निराश होकर लौट कर  गए . जीवन में  बहुत से साथी मिलते रहे हैं . अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए उन्ही पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है . जीवन की सफलता का सुख उसे ही प्राप्त होता है जो जीवन पथ पर सदा चलता रहे ,अपने कर्म पर लगा रहे

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Answered by Anonymous
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Answer:

चलना हमारा काम है

Explanation:

उपरोक्त प्रश्न में कुछ पंक्तयां दी गई है।

इं पंक्तियों में हमें यह बताया गया है कि हमें सदा चलते रहना चाहिए।इसका अर्थ है कि हमें सदा जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए।

चलना हमारा काम है इसीलिए हमें सदा कर्म में लगा रहना चाहिए .कवि कहते हैं कर्म करते हुए कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो हमें घबराना नहीं चाहिए . जीवन में कर्मपथ पर चलते रहना चाहिए . हमें अपने दुःख - सुख को भूलकर मन को हल्का कर लेना चाहिए . हम सब जीवन पथ के पथिक है . कवि कहते हैं कि मनुष्य को अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए .इसी तरह हमें रास्ते में अनेक साथी मिलते हैं परन्तु सभी का साथ लेकर अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहिए

चलना वैसे भी एक अच्छा व्यायाम है ।जो लोग ऑफिस,स्कूल,कॉलेज के काम के कारण योगा,जिम,एक्सरसाइज नहीं केर पाते।वो यदि रोज़ १००० कदम रोज़ चलें तो स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।चलने से हृदय स्वस्थ रहता है।

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