Summary of chapter Bharat Ki Khoj Pustak in hindi of chapter 2 talash
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तलाश पाठ में पंडित जवाहर लाल नेहरु जी ने भारत के बारे में अपने विचार व्यक्त करे हैं। वे प्राचीन भारत की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हैं। वे यह समझने की कोशिश करते हैं कि क्या वास्तव में भारत ने अपनी शक्ति को खो दिया है। वे इस बात पर विचार करते हैं कि आधुनिक विश्व में भारत का क्या स्थान है।
वे बताते हैं कि भारतीय सभ्यता पांच - छह हजारों वर्ष पुरानी है। उसका सांस्कृतिक आधार इतना मज़बूत है कि इतने वर्षों में भी हिला नहीं। उन्होंने पुराने स्मारकों को देखा और हजारों वर्ष पुराने पर्वों को देखा जो भारत की महानता का प्रतीक हैं।
लेकिन भारत तकनीकी विकास में अन्य देशों से पीछे रह गया। भारत में आबादी और गरीबी बढ़ गई।
वे भारत की चर्चा करते समय लोगों को बताते थे कि इसका नाम भरत के नाम पर आधारित है। वे लोगों से पूछते थे कि उनके लिए भारत माता की जय का क्या आशय है। उन्हें भारत के पहाड़, खेत, जंगल, नदियाँ, और जनता सबसे प्रेम था।
वे कहते हैं कि भारत में विविधता है पर साथ में एकता भी है।
भारत की खोज (अंग्रेज़ी: Discovery of India) की रचना जवाहरलाल नेहरू जी कि है। इसकी रचना 1944 में अहमदनगर की जेल में हुई। इस पुस्तक को नेहरू जी ने अंग्रज़ी में लिखा और बाद में इसे हिंदी और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
भारत की खोज पुस्तक को क्लासिक का दर्जा हासिल है। नेहरू जी ने इसे स्वतंत्रता आंदोलन के दौर में 1944 में अहमदनगर के किले में अपने पाँच महीने के कारावास के दिनों में लिखा था। यह 1946 में पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुई।
इस पुस्तक में नेहरू जी ने सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर भारत की आज़ादी तक विकसित हुई भारत की बहुविध समृद्ध संस्कृति, धर्म और जटिल अतीत को वैज्ञानिक दष्टि से विलक्षण भाषा शैली में बयान किया है।