Hindi, asked by brittanyspears6029, 1 year ago

Summary of ek kutta aur ek maina

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Answered by mahaan18doodiq
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Answered by bhatiamona
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                         “एक कुत्ता और एक मैना” पाठ  का सारांश

“एक कुत्ता और एक मैना” पाठ हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखा गया एक निबंध है। इस निबंध में उन्होंने गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर के साथ हुए अपने संस्मरण को प्रस्तुत किया है और उनके साथ हुये वार्तालाप के माध्यम से उन्होंने गुरुदेव रविनाथ टैगोर के व्यक्तित्व को का वर्णन किया है|  

पशु पक्षियों के प्रति गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर के मन में कितनी संवेदनशीलता थी, इस बात को लेखक ने गहराई से प्रस्तुत किया है। यह पाठ में पशु पक्षियों के प्रति दया और संवेदनशीलता अपनाने की सीख देता है। पाठ का सार कुछ इस प्रकार है|

एक कुत्ता और एक मैना पाठ रवीन्द्रनाथ टैगोर जी के जीवन की झलक देता है| रवीन्द्रनाथ टैगोर जी के स्वभाव में गुणों का भी परिचय हमें इसी पीठ से मिलता है| लेखक में उनकी स्वभाव की विराटता का जो परिचय दिया है , वह बहुत ही सुन्दर है| रवीन्द्रनाथ टैगोर भारत के प्रसिद्ध कवि और लेखक के साथ एक संवेदनशील और सहज  व्यक्ति थे | वह मनुष्यों के साथ-साथ प्राणियों से भी प्यार करते थे|  इसमें कवि ने पशु-पक्षियों के प्रति मानवीय स्नेह प्रेम उनके साथ ही पशु-पक्षियों से है| यह पाठ हमें शिक्षा देता है की हमें जीव-जन्तुओं से प्रेम व स्नेह से प्रेम करना चाहिए |इसके बदले उनसे हमें निस्वार्थ प्रेम व स्नेह ही प्राप्त होता है|  

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