Hindi, asked by sadique2001, 9 months ago

summary of फूलों का कुर्ता​

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Answered by bhatiamona
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फूलों का कुर्ता​ कहानी का सारांश :

फूलों का कुर्ता यशपाल जी द्वारा लिखी गई | कहानी में पांच वर्ष की बच्ची की सरलता और मासूमियत के बारे में बताया है | जिसमें वह जो अपने बड़ो परम्परा निभाते देखती थी , वही उसने सिखा था |

फूलो पांच साल की शादी सन्तु नाम के बच्चे से हो गई | जिसकी उमर सात वर्ष थी | सन्तु गाय चराता है | सन्तु फूलों के गाँव के बच्चों के साथ खेलने लग जाता है | बच्चे कहते है फूलों का दूल्हा आ गया | फूलो यह सुनकर थोड़ा शर्मा जताई है , फूलो यह सुनकर अपने कुर्ता को उपर उठाकर अपने सर का पल्लू बना लेती है |

कहानी में बताया है , परम्पराओं को निभाने के लिए हम क्या-क्या कर जाते है | समय के साथ परम्पराओं को छोड़ देना चाहिए |

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