Summary of girgit chapter
Answers
Answered by
79
गिरगिट पाठ मशहूर रूसी लेखक चेखव की रचना है जिसमें उन्होंने उस समय की राजनितिक स्थितियों पर करारा व्यंग्य किया है. बड़े अधिकारीयों के तलवे चाटने वाले पुलिसवाले कैसे आम जनता का शोषण करते हैं इसे बड़े ही सुन्दर ढंग से चित्रित किया गया है. एक नागरिक को कुत्ते के कट लेने पर पहले तो पुलिस इंस्पेक्टर कुत्ते के खिलाफ बोलता है लेकिन जैसे ही उसे पता चलता है की कुत्ता बड़े अफसर का है तो तुरंत पलटी मार कर कुत्ते के पक्ष में बोलने लगता है. उसके बाद तो कहानी पूरी तरह अपने नाम को सार्थक करती नज़र आती है. लोगों की बातों के अनुसार जिस प्रकार पल-पल में वह रंग बदलता है उसे देखकर तो गिरगिट को भी शर्म आ जाये. लेकिन वह इतना ढीठ है की उस पर किसी बात का कोई असर नहीं होता और वह अंत तक केवल रंग ही बदलता रहता है. जनता के दुःख दर्द से उसे कोई लेना देना नहीं होता.
Answered by
2
Answer:
यह पाठ समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एक व्यंग्य है। यह एक पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा बताता है की व्यक्ति किस तरह अपने पद का दुरूपयोग अपने स्वार्थ के लिए करता है। इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव नया ओवरकोट पहने हाथ में बंडल लिए बाज़ार के चौराहे से गुजरा। उसके पीछे लाल बालोंवाला एक सिपाही हाथों में झरबेरी की टोकरियाँ लिए चला आ रहा था।
Similar questions