Hindi, asked by attarreshma73owkf73, 1 year ago

summary of giridhar ki kundaliyan

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Answered by AĐÄRSĦ
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गिरिधर कविराय के जीवन के संबंध में मतभेद हैं कई महानुभाव के अनुसार इनका जन्म 1717 माना जाता हैं | कहा जाता हैं यह अवध के किसी छोटे स्थान में जन्मे थे | यह अत्यंत दयालु व्यक्ति थे जिन्हें अपने परिवेश से बहुत प्रेम था | इनकी रचनाओं में जीवन के ज्ञान का अंश मिलता हैं जो मनुष्य को सही गलत का ज्ञान देता हैं | अच्छे बुरे में अंतर सिखाता हैं | इनकी जाति दाचित भाट कही जाती हैं परन्तु इनके जीवन जीवन से संबंधी कोई भी तथ्य पुर्णतः प्रमाणित नहीं हैं | इनके व्यवहार एवम आचारण का पता इनकी रचनाओं से लगाया जा सकता हैं 
Answered by swapnil756
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Hello friend
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गिरिधर कविराय मूलतः कुंडलियाँ लिखते थे जिनकी विशेषता होती हैं इनकी छह पंक्तियाँ | गिरिधर कवी अपनी दूसरी पंक्ति के अंतिम भाग का प्रयोग बड़े ही अनूठे ढंग से तीसरी पंक्ति के प्रथम भाग में करते थे जिससे कुंडली का सार अत्यंत रोचक बन जाता था | इनकी सबसे बड़ी विशेषता होती थी भाषा का सरलीकरण, जो आम व्यक्ति को सीधे पढ़कर भाव स्पष्ट कर देती थी | यह सभी कुंडलियाँ आम नागरिक को ध्यान में रखकर लिखी गई थी जो जीवन ज्ञान को दर्पण की तरह श्रोता के सामने प्रेषित कर दिया करती थी |
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