Chemistry, asked by csang7342, 1 year ago

Summary of Gora by mahadevi vernacular in Hindi

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Answered by shishir303
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              महादेवी वर्मा की “गौरा” कहानी का सारांश

हिंदी की प्रसिद्ध लेखिका महादेवी वर्मा द्वारा “गौरा” शीर्षक वाली कहानी लेखिका के जीवन के सच्चे संस्मरणों में से एक है। इस कहानी का कथानक एक गाय के इर्द-गिर्द घूमता है जो कि लेखिका को उसकी छोटी बहन से पालने हेतु प्राप्त हुई थी।

एक गाय लेखिका की बहन श्यामा के घर में बछिया के रूप में थी। जब बड़ी हो गई तो एक सुंदर गाय बन गई। लेखिका की बहन के कहने पर लेखिका महादेवी वर्मा उसे अपने घर में पालने के लिये ले आईं। जब वो गाय घर में आई उसका खूब जोरों शोरों से स्वागत किया गया। उसका नाम गौरा रखा गया। वो श्वेत वर्ण की बड़ी प्यारी और सुंदर गाय थी। शीघ्र ही गौरा घर के सभी सदस्यों से घुल-मिल गई, क्या पशु या पक्षी सब लोग उसके दोस्त बन गए। गौर लगभग दस लीटर दूध देती थी।

एक वर्ष बाद उसने एक सुंदर से बछड़े को जन्म दिया जिसका नाम लालमणि रखा गया। गौरव के दूध दुहने में बड़ी समस्या उत्पन्न होती थी, इस कारण लेखिका ने गौरा का दूध दुहने के लिये उसी ग्वाले को रख लिया जो लेखिका के घर में गोरा के आने से पहले दूध देता था। उस ग्वाले ने गाय को अपने धंधे में बाधक माना इसके लिए उसने एक दिन चुपचाप गोरा के चारे में सुई मिलाकर उसे खिला दी। जिस कारण गौरा के शरीर के अंदर जख्म होने शुरू हो गए और वह बीमार पड़ने लगी। लगभग दो महीने बाद उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना से लेखिका को बड़ा दुख हुआ। उनके मन में विचार आया कि जिस देश में गौ को माता के समान पूजा जाता है, वहाँ गौ की हत्या करने वाले लोग भी रहते हैं। ऐसा उन्होंने उस ग्वाले को देखकर सोचा जिसने अपने स्वार्थ में गाय की हत्या कर दी।

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