Hindi, asked by Shasavad7042, 9 months ago

Summary of hindi chapter atmatran for class 7

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Answered by XxArmyGirlxX
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In Hindi

इस कविता के कवि 'कविगुरु रवीन्द्रनाथ ठाकुर ' हैं। इस कविता का बंगला से हिंदी रूपांतरण आचार्य हरी प्रसाद द्विवेदी जी ने किया है। इस कविता में कविगुरु ईश्वर से अपने दुःख दर्द कम न करने को कह रहे है। वे उनसे दुःख दर्दों को झेलने की शक्ति मांग रहे हैं। कविगुरु ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी भी परिस्थिति में मेरे मन में आपके प्रति संदेह न हो। कवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि हे प्रभु ! दुःख और कष्टों से मुझे बचा कर रखो में तुमसे ऐसी कोई भी प्रार्थना नहीं कर रहा हूँ। बल्कि मैं तो सिर्फ तुमसे ये चाहता हूँ कि तुम मुझे उन दुःख तकलीफों को झेलने की शक्ति दो। उन कष्टों के समय में मैं कभी ना डरूँ और उनका सामना करूँ। मुझमें इतना आत्मविश्वास भर दो कि मैं हर कष्ट पर जीत हासिल कर सकूँ। मेरे कष्टों के भार को भले ही कम ना करो और न ही मुझे तसल्ली दो। आपसे केवल इतनी प्रार्थना है की मेरे अंदर निर्भयता भरपूर डाल दें ताकि मैं सारी परेशानियों का डट कर सामना कर सकूँ। सुख के दिनों में भी मैं आपको एक क्षण के लिए भी ना भूलूँ अर्थात हर क्षण आपको याद करता रहूं। दुःख से भरी रात में भी अगर कोई मेरी मदद न करे तो भी मेरे प्रभु मेरे मन में आपके प्रति कोई संदेह न हो इतनी मुझे शक्ति देना।

In English

The poet of this poem is 'Kaviguru Rabindranath Thakur'. This poem has been adapted from Bengali to Hindi by Acharya Hari Prasad Dwivedi. In this poem, the poet is asking God not to ease his sorrow and pain. They are asking him the power to withstand unhappiness and pain. Kaviguru is praying to God that under no circumstances should I have doubt in your mind. Poet Rabindranath Thakur is praying to God that Lord! Keep me from sorrow and sorrow, I am not praying to you in any such way. Rather, I just want you to give me the power to face those sorrows. I will never be afraid and face them in those times of suffering. Give me so much confidence that I can win over all suffering. May not ease the weight of my sufferings, nor comfort me.I only request you to put fearlessness in me so that I can face all the problems firmly. Even in the days of happiness, I should not forget you for a single moment, that is, I remember you every moment. Even in a night full of sorrow, if no one helps me, my lord, there is no doubt in my heart to give me so much strength.

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