Hindi, asked by shru2tHu2nAnnife, 1 year ago

summary of hindi poem sangatkar

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Answered by shailajavyas
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'संगतकार' कविता सम्मान से वंचित मददगारों का महत्व उजागर करती हैं । जब मुख्य गायक अपनी भारी - भरकम आवाज में गाता है तो उसका संगतकार अपनी कमजोर कांपती हुई आवाज से उसका साथ देता है । वह हमेशा से मुख्य गायक की गरज में अपनी गूंज मिलाता आया है जब कभी मुख्य गायक किसी अंतरे को गाते -गाते जटिल तालों में उलझ जाता है या अपनी सरगम को लांघकर ऊंचे अनहद स्वर में भटक जाता है, तब संगतकार ही स्थाई पंक्ति को पकड़े रहता है । जब कभी मुख्य गायक तार सप्तक गाते - गाते स्वर को बहुत ऊंचा उठा देता है और उसकी आवाज भी काँपने लगती है तब वह उसकी आवाज में अपनी आवाज को मिलाकर उसे बल प्रदान करता है और उसके खोए विश्वास को वापस लौटा ले आता है तथा फिर उसे गाने की प्रेरणा देता है । वह हमेशा कोशिश करता है कि कहीं उसकी आवाज मुख्य गायक की आवाज से अधिक प्रभावशाली ना हो जाए । उसकी इस कोशिश को उसकी असफलता नहीं ,मनुष्यता समझना चाहिए यह उसका त्याग है ।
Answered by alokagarwal118
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