summary of jaan se pyare ekanki
Answers
Explanation:
जान से प्यारे एकांकी में मौत जालिम है मगर जिंदगी के फायदे उससे भी ज्यादा जालिम कथन किसका है
Answer:
पाठ - जान से
लेखक - ममता कालिया
Explanation:
डॉ कौशिक एक वैज्ञानिक थे, जिन्होंने एक ऐसा नुस्खा खोज निकाला था जिसकी सहायता से निर्जीव प्राणियों को नया जीवन दान दिया जा सकता है| अविनाश, डॉ कौशिक का सहयोगी था। डॉ कौशिक ने परीक्षण के लिए कोक्रोच को चुना । डॉ कौशिक ने देखा कि जब किसी के घर में किसी की मृत्यु होती है तो उनके प्रियजन एकदम टूट जाते हैं। रोते-बिलखते उनका हाल बेहाल हो जाता है । मृतकों के परिवार वालों द्वारा दिए गए शोक समाचार पढ़कर डॉ कौशिक काफी दुखी और परेशान हो जाते थे । अतः उन रोते बिलखते लोगों के दुख को दूर करने के लिए उन्होंने यह परीक्षण किया और नुस्खा ढूँढ़ लिखा | अविनाश का मानना था कि मृत्यु को चुनौति नहीं दिया जा सकता क्योंकि वह एक चिर सत्य है । और वैसे भी अविनाश को इस बात में शंका थी कि व्यावहारिक जीवन में कोई मृतकों को वापस चाहेगा भी या नहीं । उसे यह भी लगता था कि शायद वह कोक्रोच मरा ही न था क्योंकि कोक्रोच की बात ही निराली होती है । उसे जितना भी मारो मरता ही नहीं पुत्रों ने पिता की मृत्यु होने के तुरंत बाद ही उनके द्वारा लिखे वसीयतनामा जाँच कर ली थी, यह भी जान गऐ थे कि पिता ने लेन-देन का हिसाब भी निभा लिया था और इतना ही नहीं उन्होंने पिता के कमरे को किराए पर देने का विज्ञापन भी दे दिया था । और वैसे भी दाह संस्कार का सारा इंतज़ाम हो चुका था और ऊपर से उनके द्वारा दिए गए समाचार के हिसाब से उनके छोटे भाई विदेश से हज़ारों डॉलर खर्च करके आ रहे थे। जब उनको यहाँ पहुँचने पर पता चलेगा कि पिता जीवित हैं तो वे काफी बिगड़ेंगे। उनके द्वारा ली गई छुट्टी और खर्च किए गए पैसे जो बरबाद हो जाऐंगे । उनकी पत्नियाँ तो बिल्कुल ही नहीं चाहती थी कि पिताजी पुनः जीवित हो । इसलिए पुत्र पिताजी को पुनः जीवित नहीं करना चाहते थे ।
#SPJ2