summary of mata ka anchal
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माता का अंचल” शिवपूजन सहाय के सन 1926 में प्रकाशित उपन्यास “देहाती दुनिया” का एक छोटा सा अंश (छोटा सा भाग) हैं।
इस कहानी में लेखक ने माता पिता के वात्सल्य , दुलार व प्रेम , अपने बचपन , ग्रामीण जीवन तथा ग्रामीण बच्चों द्वारा खेले जाने वाले विभिन्न खेलों का बड़े सुंदर तरीके से वर्णन किया है। साथ में बात-बात पर ग्रामीणों द्वारा बोली जाने वाली लोकोक्तियों का भी कहानी में बड़े खूबसूरत तरीके से इस्तेमाल किया गया है।
Mata Ka Anchal Class 10 Summary
यह कहानी मातृ प्रेम का अनूठा उदाहरण है। यह कहानी हमें बताती है कि एक नन्हे बच्चे को सारी दुनिया की खुशियां व सुरक्षा और शांति की अनुभूति सिर्फ मां के आंचल तले ही मिलती है।
कहानी की शुरुवात कुछ इस तरह से होती हैं।
शिवपूजन सहाय के बचपन का नाम “तारकेश्वरनाथ” था। मगर घर में उन्हें “भोलानाथ” कहकर पुकारा जाता था। भोलानाथ