Hindi, asked by Anonymous, 1 year ago

Summary of mera parivar by mahadevi verma in 250 words in hindi

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Answered by bhatiamona
15

Answer:

महादेवी वर्मा-एक व्यक्तित्व !

महादेवी का जन्म 26 मार्च 1907 को प्रातः 8 बजे  फ़र्रुख़ाबाद उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ।  

महादेवी वर्मा का जन्म होली के दिन 26 मार्च, 1907 को फ़र्रुख़ाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था।

मेरा परिवार महादेवी जी ने इसमें उन्होंने अपने पालतू पशुओं की यादों का वर्णन किया है|

कुछ विशिष्ट मानवेतर प्राणियों के प्रति अपनी जिस भावना , प्यार  और एकांत आत्मीयता की कला-कौशल अपने इन चित्रों में व्यक्त किया है | महादेवी जी ने यह कृतियाँ मानवीय भावज्ञता, संवेदना और कलात्मक प्रतिभा के अपूर्व निदर्शन की दृष्टि से शाब्दिक अर्थ में अपूर्व और अद्भुत कलात्मक चमत्कार का वर्णन किया है। पशु-पक्षियों के साथ प्रतिदिन के साधारण खेलना , उनकी आदतों के बारे में बताया गया है|  उनमें स्थूल पार्थिव जीवन को सूक्ष्म आध्यात्मिक संवेदना के स्तर तक उभारकर रख दिया गया है। पशुओं के प्रेम उनके भावनाओं का वर्णन किया है |  पशुओं का प्यार बहुत अलग होता उनके प्यार में कोई बदले की भावना नहीं होती है , वह मनुष्य से अधिक बफादार होते है | यह कभी भी विश्वास नहीं तोड़ते है | जब हम पशुओं को पालते है तब वह हमारे परिवार का हिस्सा होते , जैसे हमें उनकी आदत हो जाती है वैसे ही उन्हें भी हमारी आदत हो जाती है |   महादेवी सभी पशु-पक्षियों जो उन्होंने पाले हुए थे , वह सब को अपना परिवार मानती थी |

Answered by Anonymous
2

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Explanation:

कुछ विशिष्ट मानवेतर प्राणियों के प्रति अपनी जिस भावना , प्यार  और एकांत आत्मीयता की कला-कौशल अपने इन चित्रों में व्यक्त किया है | महादेवी जी ने यह कृतियाँ मानवीय भावज्ञता, संवेदना और कलात्मक प्रतिभा के अपूर्व निदर्शन की दृष्टि से शाब्दिक अर्थ में अपूर्व और अद्भुत कलात्मक चमत्कार का वर्णन किया है। पशु-पक्षियों के साथ प्रतिदिन के साधारण खेलना , उनकी आदतों के बारे में बताया गया है|  उनमें स्थूल पार्थिव जीवन को सूक्ष्म आध्यात्मिक संवेदना के स्तर तक उभारकर रख दिया गया है। पशुओं के प्रेम उनके भावनाओं का वर्णन किया है |  पशुओं का प्यार बहुत अलग होता उनके प्यार में कोई बदले की भावना नहीं होती है , वह मनुष्य से अधिक बफादार होते है | यह कभी भी विश्वास नहीं तोड़ते है | जब हम पशुओं को पालते है तब वह हमारे परिवार का हिस्सा होते , जैसे हमें उनकी आदत हो जाती है वैसे ही उन्हें भी हमारी आदत हो जाती है |   महादेवी सभी पशु-पक्षियों जो उन्होंने पाले हुए थे , वह सब को अपना परिवार मानती थी |

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