Summary of parda story by yashpal in hindi
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यशपाल जी द्वारा लिखी गई परदा कहानी का सारांश
इस कहानी में चौधरी पीरबक्श और उनके दो लड़के और आगे उनके परिवार की कहानी है। पीरबख्श के दादा चुंगी के महकमे में दारोगा थे । आमदनी अच्छी थी । एक छोटा, पर पक्का मकान भी उन्होंने बनवा लिया । लड़कों को पूरी तालीम दी । दोनों लड़के एण्ट्रेन्स पास कर रेलवे में और डाकखाने में बाबू हो गये।
कहानी का सारांश
यशपाल की कहानी ‘परदा’ दरअसल मध्यवर्गीय समाज की विडंबनाओं और की कहानी है। जिन लोगों की सारी कोशिश हमेशा अमीर बनने की होती है, जो खुद से रईस लोगों की दिनचर्या का पालन करते हैं, उनके जैसा बनना चाहते हैं और अपनी गुरबत को छिपाते रहते हैं। वे न तो अमीर की श्रेणी में आ पाते हैं न ग़रीबों की तरह अपनी ग़रीबी स्वीकार कर जी पाते हैं। इस कहानी का मुख्य किरदार यूं तो वह परदा ही है जो एक घर की लाज बनाने की कोशिश अपने अंतिम रेशे, अपने अंतिम धागे तक करता है। पर चूंकि यह परदा चौधरी पीरबक्श के मकान पर टंगा था तो सारा किस्सा उन्हीं की सहारे चलता था।कहानी के अंत में से परदा हट चुका था । सबको उनके घर के हालत के बारे में पता चल गया था ।