Hindi, asked by ramking, 1 year ago

summary of poem Chand Gehna se lauti Ber NCERT class 9th Kavya Khand

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Answered by shraddha0906
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केदारनाथ अग्रवाल

चाँद गहना से लौटती बेर

देख आया चंद्र गहना
देखता हूँ दृश्य अब मैं
मेड़ पर इस खेत की बैठा अकेला।

कवि एक गाँव से लौट रहे हैं जिसका नाम है चाँद गहना। लौटते समय कवि एक खेत की मेड़ पर अकेले बैठकर गाँव के सौंदर्य को निहार रहा है। आगे की पंक्तियों में ज्यादातर पौधों की तुलना अलग अलग वेशभूषा वाले आदमियों से की गई है।


एक बीते के बराबर
ये हरा ठिगना चना
बांधे मुरैठा शीश पर
छोटे गुलाबी फूल का
सजकर खड़ा है।

चने का पौधा ऐसा लग रहा है जैसे एक ठिगना सा आदमी अपने सर पर छोटे से गुलाबी फूल की पगड़ी बांधकर सज धजकर खड़ा है।


पास ही मिलकर उगी है
बीच में अलसी हठीली
देह की पतली, कमर की है लचीली
नीले फूले फूल को सर पर चढ़ा कर
कह रही, जो छुए यह
दूँ हृदय का दान उसको।

अक्सर चने के खेत में ही तीसी या अलसी के बीज भी बो दिये जाते हैं। अलसी ऐसे लग रही है जैसे चने की बगल में हठ कर के खड़ी हो गई हो। अपनी कामिनी काया और लचीली कमर के साथ उसने बालों में नीले फूल लगा रखे हैं। जैसे ये कह रही हो कि जो भी उस फूल को छुएगा उसे ही उसका दिल मिलेगा।


और सरसों की न पूछो
हो गयी सबसे सयानी,
हाथ पीले कर लिए हैं
ब्याह मंडप में पधारी
फाग गाता मास फागुन
आ गया है आज जैसे।
देखता हूँ मैं, स्वयंवर हो रहा है
प्रकृति का अनुराग अंचल हिल रहा है
इस विजन में,
दूर व्यापारिक नगर से
प्रेम की प्रिय भूमि उपजाऊ अधिक है।

सरसों तो लगता है सबसे बड़ी हो गई है। वह इतनी बड़ी हो गई है कि उसने अपने हाथ पीले करवा लिए हैं और विवाह मंडप में बैठ गई है। ऐसा लग रहा है कि होली के गीत गाता हुआ फागुन का महीना भी उस ब्याह में शामिल हो रहा है। इस स्वयंवर में प्रकृति अपने प्यार का आँचल हिला रही है।
हालांकि यह निर्जन भूमि है, लेकिन लोगों की भीड़ भाड़ वाले शहर से कहीं ज्यादा प्रेम यहाँ देखने को मिल रहा है।


और पैरों के तले है एक पोखर
उठ रहीं इसमें लहरियाँ।
नील तल में जो उगी हैं घास भूरी
ले रही वो भी लहरियाँ।
एक चांदी का बड़ा सा गोल खम्भा
आँख को है चकमकाता।
है कई पत्थर किनारे
पी रहे चुप चाप पानी
प्यास जाने कब बुझेगी।

सामने एक पोखर है जिस में छोटी छोटी लहरें उठ रही हैं। पोखर की तलछटी में जो शैवाल हैं वो भी साथ साथ लहर मार रहे हैं। पोखर के बीच में प्राय: लकड़ी का एक मोटा सा खम्भा होता है। कुछ जगह पर इसे जाट कहा जाता है। इससे पोखर में पानी की गहराई का पता चलता है। इसकी तुलना चांदी के एक बड़े से खम्भे से की गई है जिससे आँखें चौंधिया जाती हैं। किनारे पड़े छोटे छोटे पत्थर इस तरह चुपचाप पानी पी रहे हैं जैसे उनकी प्यास कभी नहीं बुझने वाली हो।


चुप खड़ा बगुला डुबाये टांग जल में,
देखते ही मीन चंचल
ध्यान निद्रा त्यागता है,
चट दबा कर चोंच में
नीचे गले को डालता है।

बगुला पानी में अपनी टांग डुबाकर चुपचाप खड़ा है और जैसे ही किसी मछली को देखता है तो उसका ध्यान भंग हो जाता है। वह चट से उसे चोंच में दबाकर अपने गले के नीचे उतार लेता है।



एक काले माथ वाली चतुर चिड़िया
श्वेत पंखों के झपाटे मार फौरन
टूट पड़ती है भरे जल के हृदय पर
एक उजली चटुल मछली
चोंच पीली में दबाकर
दूर उड़ती है गगन में।

एक काले सर वाली चालाक चिड़िया अपने सफेद पंखों के झपाटे से जल के हृदय पर तेजी से टूट पड़ती है और एक चतुर मछली को अपने पीले चोंच में दबाकर आसमान में उड़ जाती है।


औ यहीं से
भूमि ऊंची है जहाँ से
रेल की पटरी गयी है
ट्रेन का टाइम नहीं है
मैं यहाँ स्वच्छंद हूँ
जाना नहीं है।

सामने ऊंची जमीन से रेलवे लाइन गई है। लेकिन अभी ट्रेन का समय नहीं हुआ है। कवि को कहीं जाने की जल्दी भी नहीं है। इसलिए वह वहाँ की सुंदरता को अपनी आँखों में मन भर कर उतारने के लिए पूरी तरह से आजाद है।


चित्रकूट की अनगढ़ चौड़ी
कम ऊंची ऊंची पहाड़ियां
दूर दिशाओं तक फैली हैं।
बाँझ भूमि पर
इधर उधर रीवां के पेड़
कांटेदार कुरूप खड़े हैं।
पठारी क्षेत्र की पहाड़ियां कम ऊंचाई वाली और बेडौल होती हैं। साथ में बबूल और रीवां के कांटेदार पेड़ कोई सुंदर दृश्य प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं।
सुन पड़ता है मीठा मीठा रस टपकाता
सुग्गे का स्वर
टें टें टें टें।

सुन पड़ता है वनस्थली का हृदय चीरता
उठता गिरता सारस का स्वर
टिरटों टिरटों।
इस बंजर भूमि पर भी तोते का मीठा सुर सुनाई पड़ता है। सारस की आवाज जंगल के सीने को चीरते हुए निकल जाती है।


मन होता है
उड़ जाऊं मैं
पर फैलाए सारस के संग
जहाँ जुगुल जोड़ी रहती है
हरे खेत में,
सच्ची प्रेम कहानी सुन लूं
चुप्पे चुप्पे।

कवि का मन करता है कि वो उसी सारस के साथ पंख फैला कर उड़ जाए। कवि उड़कर वहाँ पहुँचना चाहता है जहाँ हरे खेत में कोई प्रेमी युगल छुप कर मिल रहे हैं। वहाँ दबे पाँव जाकर कवि उनकी प्रेम कहानी सुनना चाहता है।





ramking: thank you
shraddha0906: wlcm
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