summary of rajni of class 11th of hindi book
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'रजनी ' पटकथा मनु भंडारी द्वारा लिखी गई है, जो पिछली सदी के नवें दशक का एक धारावाहिक रहा है| बासु चटर्जी के निर्देशन में में बने इस धारावाहिक की हर कड़ी अपने में स्वतंत्र और मुकम्मल होती थी और उन्हें आपस में गूँथनेवाली सूत्र रजनी थी| हर कड़ी में यह जुझारू और इन्साफ-पसंद स्त्री-पात्र किसी-न-किसी सामाजिक-राजनीतिक समस्या से जूझती नजर आती थी| प्रस्तुत अंश भी व्यवसाय बनती शिक्षा की समस्या की ओर हमारा ध्यान खींचता है|
पटकथा की शुरुआत लीला के घर से होती है, जो रजनी की पड़ोसन है| रजनी लीला से बाजार साथ चले को कहती है, लेकिन लीला उसे यह कहकर रोक लेती है कि उसके बेटे का रिजल्ट आने वाला है| रजनी यह सुनकर बहुत खुश होती है क्योंकि उसे पूरा विश्वास है कि परीक्षा में अमित के अच्छे अंक आएँगे| लेकिन जब अमित घर आता है तो सबको पता चला कि अमित को गणित में सिर्फ 72 अंक मिले थे| अमित ने अध्यापक के बार-बार कहने पर भी ट्यूशन नहीं ली जिसके कारण उसे कम अंक मिले थे| रजनी ने इस बात की शिकायत स्कूल के हैडमास्टर से की, लेकिन उन्होंने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और इसमें स्कूल की कोई जिम्मेदारी न बताकर इसे अध्यापक और छात्र के बीच का आपसी मामला कहकर टाल दिया| रजनी के पति को यह बात पता चली तो वह रजनी को इस मामले में न पड़ने की सलाह देता है| लेकिन रजनी किसी की नहीं सुनती|
रजनी ने इस बात की शिकायत स्कूल के शिक्षा निदेशक से की| वहाँ भी उसकी बात कोई नहीं सुनता| शिक्षा निदेशक ने रजनी से इस बात की शिकायत स्कूल के हैडमास्टर से करने की सलाह दी| इस प्रकार, वे भी इसके विरूद्ध कोई कारवाई नहीं की| आखिरकार रजनी इस समस्या को लेकर अखबार के संपादक से मिली, जहाँ उसे थोड़ी उम्मीद नजर आई| अखबारवालों के सहयोग से उसने अभिभावकों की एक मीटिंग का आयोजन किया| वहाँ उसने प्रस्ताव दिया कि अध्यापकों द्वारा जबरदस्ती ट्यूशन लिए जाने से संबंधित सख्त-से-सख्त नियम बनाए जाने चाहिए| ट्यूशन न लिए जाने पर बच्चों के अंक काटने पर अध्यापकों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी| बोर्ड रजनी के इस प्रस्ताव को मान लेता है| इस प्रकार, रजनी ने जिस उद्देश्य के साथ यह आंदोलन शुरू किया था, उसमें सफल होती है|