Hindi, asked by nikhilkohad9240, 1 year ago

Summary of samay ki pehchaan by siyaram sharan gupt

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Answered by JackelineCasarez
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"समय की पहचान" कविता में कवि सियाराम शरण गुप्त  समय के सदुपयोग और समय के महत्व को समझाते हैं।

Explanation:

  • पहले छंद में कवि कहते हैं कि अभी भी समय है, इस समय को बर्बाद मत करो और इस अवसर का लाभ उठाओ और अपने लक्ष्य पर पूरा ध्यान लगा दो।
  • अगले छंद में कवि अभ्यार्थियों के आत्मविश्वास को ललकार कर कहते हैं की यदि कोई अपने समय का सही उपयोग करके पूरी मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य की और बढे तो सफ़लता न मिलना असम्भव जैसा है। कवि यह भी कहते हैं कि सुनहरे स्वप्न केवल म्हणत से पुरे होते हैं। आज समय का सदुपयोग और परिश्रम ही कल उन सपनों को सच करेगा।
  • फिर कवि कहतें की जिस समय का इंतज़ार कर रहे हो वह तो बीत रहा है. अभी भी वीरों की भांति परिश्रम में लग जाओ और जग में कुछ कर दिखाओ। फिर कवि कहते हैं की मेहनत करने वालों के लिए हर वक़्त सही समय है जबकि आलसी व्यक्ति केवल बहाने बनाकर समय को नष्ट करता रहता है, तो उसे सुख की प्राप्ति किस प्रकार होगी?
  • इसके बाद कवि कहते हैं वर्तमान में जो परिश्रम करना है वो कर लो क्यूंकि भविष्य कोई नहीं जानता। इसके बाद कवि समय को अनमोल धन कहकर समय के महत्व को समझाते हैं और कहते हैं कि यदि आज इस समय को व्यर्थ कर दिया तो कल यह लौटकर नहीं आने वाला।
  • कवि कहते हैं समय सबसे अनमोल धन है इसलिए इसकी कद्र करो और इसे व्यर्थ न करो क्योंकि वर्त्तमान से अच्छा कोई भी समय नहीं हो सकता।

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Answered by rakhigadia4545
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समय के सदुपयोग से कया लाभ है

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