summary of sana sana hath jodi lesson hindi
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गंगतोक गई थी। गंगतोक से उन्होंने अपनी यात्रा आरंभ की थी। यूमथांग से होते हुए, वह लायुंग गई और अन्त में कटाओ पर जाकर उनकी यात्रा समाप्त हुई। इस यात्रा ने लेखिका के मन पर गहरा प्रभाव छोड़ा
था। उन्होंने अपने इस वृत्तांत में सिक्किम की संस्कृति, वहाँ के लोगों का जन-जीवन और उनके परिधान का वर्णन किया है। उन्होंने इस वृत्तांत का नाम भी नेपाली भाषा में रखा है। 'साना साना हाथ जोड़ि'
अर्थात 'छोटे-छोटे हाथ जोड़कर' प्रार्थना करती हूँ। उन्होंने इस वृत्तांत में प्रदूषण के प्रभावों पर भी प्रकाश डाला है।
साना साना हाथ जोड़ी का अर्थ है - छोटे छोटे हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूँ। मधु कांकरिया जी ने इस पाठ में अपनी सिक्किम की यात्रा का वर्णन किया है। एक बार वे अपनी मित्र के साथ सिक्किम की राजधानी गंगटोक घूमने गयी थीं। वहां से वे यूमधांग, लायुंग और कटाओ गयीं। उन्होंने इस पाठ में सिक्किम की संस्कृति और वहां के लोगों के जीवन का विस्तार से वर्णन किया है। पाठ में हिमालय और उसकी घाटियों का भी सुंदर वर्णन किया गया है। लेखिका वहां की बदलती प्रकृति के साथ अपने को भी बदलता हुआ महसूस करती हैं। वे कभी प्रकृति प्रेमी, कभी एक विद्वान्, संत या दार्शनिक के समान हो जाती हैं। लेखिका पर इस यात्रा का गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने इस पाठ का नाम, एक नेपाली युवती की बोली हुई प्रार्थना से लिया। साना साना हाथ जोड़ी का अर्थ है - छोटे छोटे हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूँ। इस पाठ में प्रदूषण के बारे में बताया गया है। इसमें हमें सिक्किम के लोगों की कठिनाइयों के बारे में भी पता चलता है।