Hindi, asked by navyakishore2000, 11 months ago

Summary of Sharandata by agyeya

Answers

Answered by jitekumar4201
4

Summary of Sharandata

देविन्दरलाल के पड़ोस के हिन्दू परिवार धीरे-धीरे एक-एक करके खिसक गये थे। होता यह कि दोपहर-शाम जब कभी साक्षात् होता, देविन्दरलाल पूछते, ''कहो लालाजी (या बाऊजी या पंडजी), क्या सलाह बणायी है आपने? और वे उत्तर देते, 'जी सलाह क्या बणणी है, यहीं रह रहे हैं, देखी जाएगी' पर शाम को या अगले दिन सवेरे देविन्दरलाल देखते कि वे चुपचाप जरूरी सामान लेकर कहीं खिसक गये हैं, कोई लाहौर से बाहर, कोई लाहौर में ही हिन्दुओं के मुहल्ले में। और अन्त में यह परिस्थिति आ गयी थी कि अब उनके दाहिनी ओर चार मकान खाली छोड़कर एक मुसलमान गूजर का अहाता पड़ता था जिसमें एक ओर गूजर की भैंसें और दूसरी ओर कई छोटे-मोटे मुसलमान कारीगर रहते थे, बायीं ओर भी देविन्दर और रंफीकुद्दीन के मकानों के बीच के मकान खाली थे और रंफीकुद्दीन के मकान के बाद मोजंग का अड्डा पड़ता था, जिसके बाद तो विशुद्ध मुसलमान बस्ती थी। देविन्दरलाल और रंफीकुद्दीन में पुरानी दोस्ती थी, और एक-एक आदमी के जाने पर उनमें चर्चा होती थी।

Similar questions