Hindi, asked by Riddhitrp143, 8 months ago

summary of story of कोतर और कुटीर​

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Answered by s1269sneha612
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Answer:

सियारामशरण गुप्त राष्ट्र कवि श्री मैथलीशरण गुप्त के छोटे भाई थे। उन पर गाँधीवाद का विशेष प्रभाव रहा है। इसलिये उनकी रचनाओं में करुणा, सत्य-अहिंसा की मार्मिक अभिव्यक्ति मिलती है। उनका जन्म १८९५ई० में झाँसी के अन्तर्गत चिरगांव नामक स्थान में हुआ था। वे आचारव्यवहार में सौम्य थे। उनके व्यक्तित्व में सादगी और सरलता का समन्वय है। हिन्दी साहित्य में उन्हें एक कवि के रुप में विशेष ख्याति प्राप्त हुई लेकिन एक मूर्धन्य कथाकार के रुप में भी उन्होंने कथा-साहित्य में भी अपना स्थान बनाया।’कोटर और कुटीर’ श्री सियारामशरण गुप्त की एक प्रसिद्ध कहानी है ।इस कहानी में लेखक ने जीवन में व्रत-पालन का महत्व प्रतिपादित किया है।

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