Hindi, asked by tasss8scutee, 1 year ago

summary of the hindi chapter mera chota sa niji pustakalaya???

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Answered by Chirpy
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'मेरा छोटा सा निजी पुस्तकालय' पाठ में लेखक धर्मवीर भारती जी ने अपने स्वयं के पुस्तकालय के बारे में बताया है। उनको पुस्तकें बहुत प्रिय हैं। पुस्तकें उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। वे उनके जीवन का आधार हैं। बचपन से लेकर बड़ी उम्र तक, हर कठिन समय में पुस्तकों ने उनको सहारा दिया है। वे उनके लिए मित्र के समान हैं। पुस्तकों ने उन्हें सही राह दिखाई है।

      उनका बचपन में ही पुस्तकों के साथ संपर्क शुरू हुआ। उनके पिता ने उन्हें पुस्तकों से परिचित किया। बचपन में उनके घर में अनेक पत्रिकायें आया करती थीं। लेखक की उनमें रूचि उत्पन्न हुई। उन्होंने धीरे धीरे पुस्तकों को सहेजना आरंभ कर दिया। इस प्रकार उनके पुस्तकालय की नींव पड़ी।              






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