Hindi, asked by vinitadeepak20p67gpr, 1 year ago


Summary of the Hindi poem Himalaya aur Hum by Gopal Singh ' Nepali '

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Answered by Anonymous
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बचपन में ही न जाने घरवालो को कितना परेशान किया कि जब चौथी कक्षा में था, तब ही विद्यार्जन के नाम पर घर से खदेड़ दिया गया | पुरे छः साल बाद जब घर वापस आया तो कुल मिलकर डेढ़ साल ही घर पर रहने का मौका लगा | घरवाले भी बेचारे क्या करते, मैंने डेढ़ साल में ही नौवीं - दसवीं की पढाई पूरी कर ली थी और अब फिर से मुझे गृह - विछोह की वेदना झेलनी थी, जिसे मैं तब से लेकर आज तक झेल रहा हूँ | पिताजी चाहते थे कि बारहवीं में मैं जीव - विज्ञान से विद्यार्जन करू, ताकि मैं उनकी अधूरी ख्वाहिश को पूरी कर सकूँ और डॉक्टर बन सकूँ | पर कंप्यूटर की तरफ मेरा रुझान देख कर उन्होंने भी कुछ नहीं कहा | तब से अब तक कंप्यूटर विषय में विद्यार्जन कर रहा हूँ | विद्यार्जन के नाम पर भारत भ्रमण का मौका बहुत लगा | तीन-चौथाई से जयादा भारत देख चुका हूँ | जीवन में प्रेम का भी अलग ही अंदाज रहा | ना जाने कितने ही अंदाजों में आया पर कभी भी मुकाम तक साथ आया ही नहीं |तभी तो लिखा, मैंने : - "गलती की थी मैंने, कृष्ण को आदर्श माना, मुझे क्या पता था, उन्हें सोलह गुण संपन्न कृष्ण नही, चौदह गुण संपन्न राम चाहिए..." वैसे कभी जब वक्त के थपेड़ों से डर कर या हार कर आँखे उल्टियाँ करने लगती हैं, तब यूँ ही काल के कपाल पे कुछ "संवेदनायों" की छाप छोड़ने की कोशिश कर लेता हूँ?
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