Summary of the hindi poem 'jalao diye'
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'जलाओ दिये'कविता गोपालदास नीरज द्वारा लिखी गई है ।इसमें कवि ज्ञान के प्रकाश की बात करता है ।कवि शिक्षा का मोल विस्तार में बताता है ।कवि नीरज कहना चाहते है की हमें अज्ञानता के अँधेरे हो नष्ट करने का प्रयास करना चाहिए ।
कवि कहते है की हर दिन नया होता है हर नए दिन कुछ नया सीखो पर ध्यान रहे वह आपके भले का हो ।इस कविता में कवि कहता है की मनुजता तब तक पूर्ण नहीं है जब तक मन उदासी से भरा है अर्थात हमें पाठ ध्यान से करना चाहिए ।
आखिर की पंक्तिओं में कवि कहते है की पढ़ना मुश्किल नहीं है बस ध्यान से मन से शब्दो को देखना है ओर स्वय में मनुज दीप का रूप धारण हो जाए गा ।
'जलाओ दिये' is written by Kavita Gopaldas Neeraj. In it, the poet talks about the light of knowledge. Some say the value of education in detail. Some Neeraj wants to say that we should try to destroy the darkness of ignorance.
The poet says that every day is new, learn something new every day, but remember that it is good for you. In this poem, the poet says that manhood is not complete as long as the mind is full of sadness, that is, we have to read the lesson carefully. needed.
In the last lines, the poet says that it is not difficult to read, just to watch the words carefully, and the form of manuj lamp in itself will be sung.